रायपुर, 27 मई 2020, 20.05 hrs : आज मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक में क्वारेंटाइन सेंटरों में मनोरंजन के लिए टी.व्ही,. रेडियो और मनोवैज्ञानिकों की सेवाएं देने चर्चा हुई ।
प्रवासी श्रमिकों के लिए रोजगार की व्यवस्था होगी सर्वोच्च प्राथमिकता, राशनकार्ड और मनरेगा के जॉब कार्ड बनेंगे । रेड जोन और कंटेंनमेंट एरिया में नहीं मिलेगी कोई छूट, वैवाहिक कार्यक्रम की अनुमति देंगे तहसीलदार ।
वहीं मॉल, सिनेमा घर, राजनैतिक सभाएं, सामाजिक कार्यक्रमों पर जारी रहेगी पाबंदी ।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में प्रदेश में कोविड-19 के नियंत्रण और लॉक-डाउन के बाद ठप्प पड़ी आर्थिक गतिविधियों को दोबारा शुरू करने आज उच्च स्तरीय बैठक में विचार-विमर्श किया गया । बैठक में सभी मंत्रीगण और राज्य शासन के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए । मुख्यमंत्री निवास में आयोजित बैठक में विभिन्न राज्यों से लौटे प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने और समाज के सभी वर्गों को राहत देने के उपायों पर चर्चा की गई । लोगों की दिक्कतों का देखते हुए अब वैवाहिक कार्यक्रम की अनुमति तहसीलदार देंगे । अनुमति देने की प्रक्रिया को सरल और आसान बनाया जा रहा है । रेड जोन और कंटेंनमेंट एरिया में कोई छूट नहीं मिलेगी । भारत सरकार द्वारा जारी गाईड लाईन के अनुसार माल, सिनेमा घर, राजनैतिक सभाएं, सामाजिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध पूर्व की तरह ही जारी रहेगा
बैठक में दुकानों को अब सप्ताह में छह दिन खोलने का निर्णय लिया गया । सभी दुकानों और बाजारों में शारीरिक दूरी की बंदिशें पूर्व की तरह लागू रहेंगी । सप्ताह में छह दिन दुकान खुलने से वहां एक साथ होने वाली भीड़ से राहत मिलेगी । व्यवसायिक-व्यापारिक गतिविधियां शुरू होने से रोजगार के साथ अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी । बैठक में ज्यादा से ज्यादा उद्योगों को भी शुरू करने के उपायों पर विचार किया गया । लॉक-डाउन के बाद प्रदेश के 1371 कारखानों में दोबारा काम शुरू हो गए हैं । इन कारखानों में एक लाख तीन हजार श्रमिक काम पर लौट चुके हैं ।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बैठक में क्वारेंटाइन सेंटर्स में रह रहे प्रवासी मजदूरों के मनोरंजन के लिए टेलीविजन, रेडियो आदि की व्यवस्था के निर्देश दिए । उन्होंने श्रमिकों को मनोवैज्ञानिक परामर्श उपलब्ध कराने के लिए मनोवैज्ञानिकों की सेवाएं भी लेने को कहा है । मुख्यमंत्री ने गैर-सरकारी संगठनों के माध्यम से क्वारेंटाइन सेंटर्स में योग या अन्य प्रेरक गतिविधियां संचालित करने के भी निर्देश दिए । उन्होंने तनाव कम करने पूरे दिन की व्यवस्थित दिनचर्या तैयार कर इसका पालन सुनिश्चित करने का भी सुझाव दिया । मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि प्रदेश वापस आने वाले श्रमिकों को राशन और रोजगार की चिंता से मुक्त करने की जरूरत है । इसके लिए तत्काल उनके राशन कॉर्ड और मनरेगा जॉब-कार्ड बनवाए जाएं । कुशल और अर्धकुशल श्रमिकों की सूची तैयार कर स्थानीय उद्योगों को उपलब्ध कराया जाए । इससे उद्योगों को जरूरत का मानव संसाधन मिलने के साथ ही श्रमिकों को नियमित रोजगार मिलेगा ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के नियंत्रण और लॉक-डाउन की परिस्थितियों में जन-जीवन को राहत पहुंचाने छत्तीसगढ़ में अच्छा काम हुआ है । सभी विभागों ने बेहतर समन्वय के साथ काम करते हुए जरूरतमंद लोगों तक सहायता पहुंचाई है । शहरी क्षेत्रों में कोविड-19 के बेहतर प्रबंधन के साथ गांव-गांव में लोगों को जागरूक करने के लिए शासन-प्रशासन ने मुस्तैदी से काम किया है । उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस की जांच, इलाज और रोकथाम के लिए जितनी भी राशि की जरूरत होगी, स्वास्थ्य विभाग को प्राथमिकता से उपलब्ध करायी जाएगी ।
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में अब तक दो लाख 12 हजार प्रवासी श्रमिकों को वापस लाया गया है । अब तक 53 श्रमिक स्पेशल ट्रेन आ चुकी हैं और 68 प्रस्तावित हैं । जिला कलेक्टरों को राज्य आपदा निधि से 18 करोड़ 20 लाख रूपए और मुसीबत में फंसे मजदूरों की सहायता के लिए करीब चार करोड़ रूपए राज्य शासन द्वारा उपलब्ध कराए गए हैं । विभिन्न राज्यों में रह रहे प्रवासी श्रमिकों के बैंक खातों में 66 लाख 73 हजार रूपए का भुगतान भी किया गया है । स्वास्थ्य विभाग को भी राज्य आपदा निधि से 75 करोड़ रूपए दिए गए हैं ।
बैठक में कृषि मंत्री, गृहमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, वन मंत्री, सहकारिता मंत्री, खाद्य मंत्री, महिला एवं बाल विकास मंत्री, श्रम मंत्री, राजस्व मंत्री, उद्योग मंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री के साथ मुख्य सचिव आर.पी. मण्डल, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री सुब्रत साहू, स्वास्थ्य सचिव श्रीमती निहारिका बारिक सिंह, खाद्य सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, समाज कल्याण विभाग के सचिव प्रसन्ना आर., मुख्यमंत्री सचिवालय में उप सचिव सुश्री सौम्या चौरसिया सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे ।