रायपुर, 22 नवंबर 2020, 15.45 hrs : तुलसी विवाह कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि यानी देव प्रबोधनी एकादशी के दिन मनाया जाता है. तुलसी विवाह 26 नवंबर गुरुवार को है ।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, तुलसी विवाह के साथ ही रुके हुए सभी मांगलिक कार्य एक बार फिर से शुरू हो जाएंगे । यह भी मान्यता है कि जो लोग कन्या सुख से वंचित होते हैं यदि वो इस दिन भगवान शालिग्राम से तुलसी जी का विवाह करें तो उन्हें कन्या दान के बराबर फल की प्राप्ति होती है । इस दिन से लोग सभी शुभ कामों की शुरुआत कर सकते हैं ।
तुलसी विवाह का शुभ मुहूर्त :
* एकादशी तिथि की शुरुआत – 25 नवंबर, सुबह 2:42 बजे से हो जाएगी.
* एकादशी तिथि का समापन – 26 नवंबर, सुबह 5:10 बजे तक एकादशी तिथि समाप्त हो जाएगी.
* द्वादशी तिथि का प्रारंभ – 26 नवंबर, सुबह 05 बजकर 10 मिनट से द्वादशी तिथि शुरू होगी
* द्वादशी तिथि का समापन – 27 नवंबर, सुबह 07 बजकर 46 मिनट तक द्वादशी समाप्त हो जाएगी ।
तुलसी विवाह इस तरह करें :
-आंगन में या गमले मने तुलसी के पौधे के चारों तरफ रेशमी कपड़े और केले के पत्तों से मंडप सजाएं ।
-तुलसी मां को लाल रंग की गोटेदार चुनरी ओढ़ायें और सभी श्रृंगार की चीजें अर्पित करें ।
-तुलसी जी के ही पास भगवान शालिग्राम और गणेश भगवान को रखकर उनकी पूजा-अर्चना करें ।
-भगवान शालिग्राम की मूर्ति सिंहासन समेत हाथों में लेकर खड़े हो जाएं और मां तुलसी के 7 फेरे लें. इसी तरह तुलसी विवाह संपन्न होगा ।