नई दिल्ली, 13 जून 2021, 19.55 hrs : काग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने रविवार को कहा कि भारत को पुनरुत्थानवादी कांग्रेस की जरूरत है, लेकिन पार्टी को यह दिखाने की आवश्यकता है कि वह सक्रिय है और सार्थक रूप से काम करने की इच्छुक है.
उन्होंने समाचार एजेंसी ‘पीटीआई-भाषा’ से एक इंटरव्यू में यह बात कही. उन्होंने पार्टी में व्यापक पैमाने पर सुधार की जरूरत पर भी जोर दिया.
गौरतलब है कि कपिल सिब्बल उन 23 नेताओं के समूह में शामिल थे जिसने पिछले साल अगस्त में सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी में सक्रिय नेतृत्व और व्यापक संगठनात्मक बदलाव की मांग की थी. इसके बाद कांग्रेस में काफी विवाद पैदा हो गया था. हालांकि बाद में शीर्ष नेतृत्व के दखल के बाद मामला शांत हो गया.
सिब्बल ने इस बार फिर इस बात को रेखांकित किया कि कांग्रेस जनता से दूर होती जा रही है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘कांग्रेस को जल्द-से-जल्द संगठनात्मक चुनाव करने के साथ ही केंद्रीय व राज्य स्तर पर पार्टी में बड़े सुधार करने की आवश्यकता है, ताकि जनता के सामने यह प्रदर्शित किया जा सके कि पार्टी निष्क्रिय नहीं हुई है.’
इसके आगे सिब्बल ने कहा कि वर्तमान में राजनीतिक विकल्प की कमी खल रही है और देश को ‘एक मजबूत व विश्वसनीय विपक्ष की दरकार है.’ उन्होंने कहा, ‘ऐसी हालत में कांग्रेस में अनुभव और युवाओं के बीच संतुलन बनाने की तुरंत आवश्यकता है. सिब्बल की यह टिप्पणी ऐसे वक्त में आई है जबकि कांग्रेस को राजस्थान और पंजाब की राज्य ईकाई में आंतरिक कलह का सामना करना पड़ रहा है.
इससे पहले बीते 10 जून को कपिल सिब्बल ने पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद पर निशाना साधते हुए कहा था कि उनका भाजपा का दामन थामना ‘प्रसाद की राजनीति’ है. सिब्बल ने यह भी कहा कि अगर जीवन के किसी मोड़ पर कांग्रेस ने उन्हें पूरी तरह अनुपयोगी भी मान लिया, तो वह पार्टी छोड़ने पर विचार कर सकते हैं, लेकिन कभी भाजपा में नहीं जाएंगे क्योंकि ऐसा उनकी लाश पर ही हो सकता है. (news18.com)