नई दिल्ली 13 सितंबर 2020, 12.20 hrs : बिहार के वरिष्ठ, दबंग नेता, पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह का आज निधन हो गया । राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बहुत करीबी रहे नेता ने दिल्ली स्थित AIIMS में अंतिम सांसें ली । बिहार की राजनीति में रघुवंश बाबू के नाम से लोग उन्हें पुकारते थे । कुछ दिन पहले ही उन्हें एम्स में भर्ती किया गया था ।
डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह वेंटिलेटर पर थे । उनके निधन पर बिहार में शोक की लहर है । उनके निधन पर शोक संवेदानाओं का तांता लगा हुआ है । मौत के कुछ दिनों पहले ही उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल से अपना पुराना नाता तोड़ लिया था । उन्होंने आइसीयू से ही आरजेडी इस्तीफा देने का अपना पत्र जारी कर बिहार विधानसभा चुनाव के ठीक पहले सियासी हड़कम्प मचा दिया था । उनका पार्थिव शरीर देर शाम पटना लाश जाएगा । उनका अंतिम संस्कार वैशाली में सोमवार को किया जाएगा ।
रघुवंश प्रसाद सिंह का 74 वर्ष की उम्र में निधन :
पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह का रविवार को 74 वर्षीय रघुवंशी को दिल्ली के एम्स के आइसीयू वार्ड में, सांस लेने में परेशानी होने के बाद उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था । इसके पहले कोरोना पॉजिटिव होने के बाद उनका पटना के एम्स में इलाज किया गया था । कुछ ठीक होने के बाद उन्हें पोस्ट कोविड मर्ज के इलाज के लिए दिल्ली एम्स ले जाया गया था ।
जीवन के अंतिम दौर में आरजेडी से मोहभंग :
रघुवंश पसाद सिंह पटना एम्स में इलाज के दौरान ही आरजेडी के उपाध्यक्ष सहित पार्टी के तमाम पदों से इस्तीफा दे दिया था । उन्हें मनाने की कोशिशें चल ही रहीं थीं कि वे फिर बीमार पड़ गए । इस बार दिल्ली एम्स में इलाज के दौरान उन्होंने 10 सितंबर को पार्टी से भी इस्तीफा दे दिया । रघुवंश के इस्तीफे को पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने स्वीकार नहीं किया । वे पार्टी में अपने विरोधी रामा सिंह की एंट्री की कोशिशों से नाराज चल रहे थे ।
1977 से लगातार सियासत में रहे रघुवंश :
रघुवंश प्रसाद सिंह साल 1977 से लगातार सियासत में रहे। वे लालू प्रसाद यादव के करीबी व उनके संकटमोचक माने जाते रहे । पार्टी में उन्हें दूसरा लालू भी माना जाता था। वे लगातार चार बार वैशाली से सांसद रहे । यूपीए की सरकार में मंत्री भी रहे । विपक्ष में रहते हुए वे अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार को घेरने में सबसे आगे रहे ।