रायपुर । प्रदेश की अग्रणी सामाजिक व् साहित्यिक संस्था वक्ता मंच द्वारा आज 15 नवम्बर को, आनंद समाज वाचनालय के सभागृह में आयोजित साहित्यिक संध्या के दौरान राजधानी के 10 उर्दू भाषी कवियों का सम्मान किया गया ।
इस दौरान कौमी एकता विषय पर संपन्न काव्य गोष्ठी में प्रदेश भर से आये कवियों ने जोरदार रचनाये प्रस्तुत की ।वक्ता मंच के अध्यक्ष राजेश पराते ने बताया कि कार्यक्रम का सार यह रहा कि विविधता में एकता ही भारत की ताकत है और हमारी गंगा जमुनी तहजीब की रक्षा हम सबका दायित्व है ।
आज के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के प्रबंधक सरदार प्रीतपाल सिंह चंडोक थे । कार्यक्रम की अध्यक्षता सेवानिवृत्त जज एवं शायर सैयद इनाम उल्लाह शाह सहर ने की, श्री जी एस भाटिया विशेष रूप से उपस्थित थे । तीनो अतिथियों ने कहा कि देश में लंबे समय से अनेक धर्मो, भाषा, संस्कृतियों एवं पद्धतियों का मिला जुला एकताकारी समन्वित रूप चला आ रहा है और इसके माध्यम से निर्मित एकता व सहिष्णुता ही वह विशेषता है जो भारत को भारत बनाती है । आज के कार्यक्रम में उर्दू कवियों सुदेश कुमार मेहर, मोहम्मद हुसैन, सफ़दर अली सफ़दर, सुख़नवर हुसैन, फजले अब्बास सैफी, सैयद नासिर अली, जावेद नदीम, अता रायपुरी, काविश हैदरी एवं सैयद इनाम उल्लाह शाह सहर को उनके श्रेष्ठ उर्दू लेखन हेतु सम्मानित किया गया ।
कौमी एकता पर आयोजित काव्य गोष्ठी में कवियों की शानदार प्रस्तुति ने देर रात तक समाँ बांधे रखा । योगेश शर्मा योगी ने कहा :-
मंदिरो में भजन हो, मस्जिदों में अजान हो
लेकिन इनके पहले राष्ट्रगान हो ।
कवि गजानंद साहू ने अपनी भावनाये कुछ इस प्रकार व्यक्त की :-
अपनी मेहनत के बल पर तू अमन की कहानी बन
न हिन्दू न मुसलमान,तू सच्चा हिन्दुस्तानी बन ।
यशवंत यदु यश की इन पंक्तियों ने जमकर वाह वाही बटोरी :-
न हिन्दू बनो न मुसलमान बनो
बनना है तो बस एक अच्छा इंसान बनो
वरिष्ठ कवि सुनील पांडे की कविता इस प्रकार रही:-
हिन्दू मुसलमान भारत की संतान कहलाये
एक दूजे का हाथ पकड़ हर इम्तिहान से गुजर जाएइस एकता की माला को तोड़ दे ये किसी में दम नहीं
शर्त बस यह है कि मोती आपस में न टकराये
कार्यक्रम में सुनील पांडे, कुमार जगदलवी, शुभम साहू, प्रगति पराते, भवानी शंकर बेगाना, यशवंत यदु यश, गजानंद साहू, योगेश शर्मा योगी, इंद्रदेव यदु, ईश्वर साहू, अरविंद राव, दुष्यंत साहू, सिंधु झा, सविता राय, तेजपाल सोनी, शिवानी मैत्रा, परमानन्द प्रकाश, भूपेंद्र कसार आजाद, घासीराम रात्रे, सफ़दर अली सफ़दर, अनिल श्रीवास्तव, जाहिद, आशा पाठक, रामेश्वर शर्मा, आलिम नकवी, जावेद नदीम, मो हुसैन,यूसुफ़ खान, आशा पांडे, सुख़नवर हुसैन सुख़नवर, कौशल किशोर गुप्ता, डॉ कुमुद कान्हे, उर्मिला देवी उर्मि, भारत नवरंगे, लिलेश्वर देवांगन, विकास कश्यप सहित 50 से अधिक कवियों ने कविताये प्रस्तुत की ।