नई दिल्ली : निर्भया दोषियों का ट्रायल, रविवार को सुबह उसी वक्त किया गया, जिस वक्त निचली अदालत ने इन्हें फांसी देने का डेथ वॉरंट जारी किया है । यह भी देखा गया कि चारों को फांसी पर लटकाने में कितना समय लगेगा । यह भी देखा गया कि 22 जनवरी की सुबह 7 बजे जब फांसी दी जाएगी, तो फांसी देने से लेकर इन्हें फांसी कोठी से बाहर निकालने तक में कितना वक्त लगेगा ।
ट्रायल की कुछ खास बातें :
1. निर्भया के दोषियों की डमी को सूली पर चढ़ाया, ट्रायल सफल
2. चारों कैदियों के वजन के बराबर अलग-अलग डमी बनाकर ट्रायल किया गया
3. रस्सियों को मक्खन लगाकर लॉकर में रख दिया गया ताकि मुलायम बनी रहें
4. दोषियों के लिए चार नए सेल बन रहे, ताकि भागने के लिए सुरंग न खोद लें
नई दिल्ली : निर्भया दोषियों की डमी को सूली पर चढ़ाया, एक ही जल्लाद देगा चारों को फांसी : तिहाड़ जेल में बंद निर्भया गैंगरेप के चारों दोषियों को 22 जनवरी की सुबह 7 बजे फांसी पर लटकाए जाने से पहले रविवार को इसका ट्रायल किया गया । यह ट्रायल चारों कैदियों को एक साथ फांसी पर लटकाने के लिए जेल नंबर-3 में बनाए गए चार फांसी के तख्तों पर किया गया । बताया जाता है कि ट्रायल पूरी तरह से कामयाब रहा । चारों रस्सियों पर बटर लगाकर इन्हें सुरक्षित रख दिया गया है, ताकि फांसी के लिए इन्हीं रस्सियों का इस्तेमाल किया जा सके । मक्खन से रस्सियां मुलायम बनी रहेंगी ।
बताया जाता है कि इन रस्सियों को पुख्ता सुरक्षा प्रबंधों के बीच लॉकर में रख दिया गया है । ताकि इन रस्सियों को कोई नुकसान ना पहुंचा सके या फिर चूहा कुतर ना जाए । जेल सूत्रों ने बताया कि चारों तख्तों पर किए गए ट्रायल में सैंड बैग का इस्तेमाल किया गया था । चार कैदियों में से दो की डमी बनाई गई थी और दो के लिए सैंड बैग पर ट्रायल किया गया । चारों कैदियों के वजन जितनी डमी लटकाया गया । मकसद यह देखना था कि रस्सियां इतने वजन को सहन कर पाएंगीं या नहीं । साथ ही चारों तख्तों में तो कोई तकनीकी समस्या तो नहीं आ रही है ।
दोषी विनय की क्यूरेटिव याचिका पर 14 को SC में सुनवाई : सूत्रों का कहना है कि ट्रायल रविवार को सुबह उसी वक्त किया गया, जिस वक्त निचली अदालत ने इन्हें फांसी देने का डेथ वॉरंट जारी किया है । यह भी देखा गया कि चारों को फांसी पर लटकाने में कितना समय लगेगा । क्योंकि जेल प्रशासन ने यूपी जेल विभाग से दो जल्लादों की मांग की है । उम्मीद है कि तिहाड़ जेल प्रशासन को एक ही जल्लाद मिल पाएगा । दूसरे जल्लाद के बीमार और बूढे होने की बात सामने आई है । यह भी देखा गया कि 22 जनवरी की सुबह 7 बजे जब फांसी दी जाएगी, तो फांसी देने से लेकर इन्हें फांसी कोठी से बाहर निकालने तक में कितना वक्त लगेगा ।
ट्रायल से जेल के आला अधिकारी संतुष्ट नजर आए । टाइमिंग को सेट करने की बात जरूर कही गई है, जिससे की फांसी में लगने वाले समय को और थोड़ा कम किया जा सके ।
भाग न जाएं निर्भया के दोषी, बन रहे 4 नए सेल
तिहाड़ जेल में बंद निर्भया गैंगरेप के दोषी कहीं सुरंग खोदकर ना भाग जाए, इसके लिए नए सेल तैयार कराए जा रहे हैं । यहां पर इन तमाम बातों का ध्यान रखा जाएगा कि कहीं ये सुरंग ना खोद लें, समय से पहले खुद जान न दे दें या फिर इन पर कोई अन्य कैदी या जेल स्टाफ हमला न कर दे । इनके लिए अब जेल नंबर-3 में चार नए सेल तैयार हो रहे हैं । ये नए सेल फांसी के तख्ते के एकदम करीब उसी हाई सिक्यॉरिटी वॉर्ड में हैं, जहां कभी संसद हमले के दोषी आतंकवादी अफजल को रखा गया था । अफजल वाली सेल में भी चारों में से एक को रखा जा सकता है ।
मेरठ का जल्लाद ही देगा निर्भया के दोषियों को फांसी, यूपी सरकार ने दी मंजूरी : इस सप्ताह इन्हें जेल नंबर-3 में शिफ्ट कर दिया जाएगा । सूत्रों ने बताया कि रविवार को छुट्टी का दिन होने के बावजूद सभी तरह की तैयारियों का जायजा लेने के लिए जेल के तमाम आला अधिकारियों ने फांसी के तख्ते वाली जेल नंबर-3 का दौरा किया । अधिकारियों ने चारों सेल भी देखे । यहां टूटे-फूटे फर्श को ठीक कर निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं । जेल प्रशासन का कहना है कि परिवार से अंतिम मुलाकात होनी अभी बाकी है ।