ऋषिकेश, 21 मई 2021, 16.45 hrs :एम्स ऋषिकेश में भर्ती 94 वर्षीय पर्यावरणविद सुंदर लाल बहुगुणा का शुक्रवार दोपहर 12 बजे निधन हो गया । सुंदर लाल बहुगुणा कोरोना से संक्रमित थे । चिपको आंदोलन के इस प्रणेता के निधन की खबर सुनकर पूरे राज्य में शोक की लहर है ।
एम्स ऋषिकेश में भर्ती पर्यावरणविद सुंदर लाल बहुगुणा को कोरोना के साथ ही निमोनिया भी हो गया था । उन्हें सिपेप मशीन सपोर्ट पर रखा गया था और उनका ऑक्सीजन सेचूरेशन लेवल 86 फीसदी पर आ गया था । एम्स में चिकित्सक उनके ब्लड शुगर लेवल और ऑक्सीजन लेवल को संतुलित करने में जुट थे लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली । वह डायबिटीज के मरीज भी थे ।
कोविड आईसीयू वार्ड में भर्ती बहुगुणा को अब एनआरबीएम मास्क ( नॉन रिब्रीथर मास्क) के माध्यम से आठ लीटर ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था । संस्थान के चिकित्सकों की टीम उनके स्वास्थ्य की लगातार निगरानी व उपचार में जुटी थी ।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने विश्व प्रसिद्ध पर्यावरणविद् और पद्मविभूषण श्री सुंदरलाल बहुगुणा जी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है । मुख्यमंत्री ने कहा कि चिपको आंदोलन को जन जन का आंदोलन बनाने वाले श्री सुंदरलाल बहुगुणा जी का निधन न केवल उत्तराखण्ड और भारतवर्ष बल्कि समस्त विश्व के लिये अपूरणीय क्षति है । ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें, और शोकाकुल परिजनों को धैर्य व दुख सहने की शक्ति प्रदान करें ।
13 साल की उम्र में अमर शहीद श्रीदेव सुमन के संपर्क में आए
पर्यावरणविद पदमविभूषण और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सुंदरलाल बहुगुणा का जन्म नौ जनवरी 1927 को टिहरी जिले में भागीरथी नदी किनारे बसे मरोड़ा गांव में हुआ। उनके पिता अंबादत्त बहुगुणा टिहरी रियासत में वन अधिकारी थे। 13 साल की उम्र में अमर शहीद श्रीदेव सुमन के संपर्क में आने के बाद उनके जीवन की दिशा ही बदल गई । सुमन से प्रेरित होकर वह बाल्यावस्था में ही आजादी के आंदोलन में कूद गए थे । उन्होंने टिहरी रियासत के खिलाफ भी आंदोलन चलाया । (amarujala.com)