हाथरस, 02 अक्टूबर 2020, 23.30 hrs : हाथरस में दलित ग़रीब की बेटी के रेप और उसे आधी रात को अंतिम संस्कार करने के बाद पीड़िता का केस लड़ने की इछुक महिला वकील, राजनीतिक दलों के नेता, मीडिया को, पीड़ित परिवार के गाँव में जाने और परिवार से मिलने को रोके जाने पर पूरा देश उद्वेलित, आंदोलित हो गया ।
हाई कोर्ट ने नाराज़गी जताते हुए पूछा कि मेडिकल नहीं करने के आधार पर आरोप खारिज नहीं किया जा सकता । यदि पीड़िता मेडिकल नहीं कराना के तो उस पर दबाव नहीं बनाया जा सकता है ।
हाई कोर्ट में कोई याचिका नहीं लगाई गई थी, किन्तु
सोशल मीडिया पर इस मामले से सैकड़ों वीडियो वायरल हुए जिन्हें देखकर हाई कोर्ट ने भारी नाराज़गी जताई है । इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस सम्बंध में बहुत से कड़े आदेश दिए हैं ।
सभी आरोपियों, SP, DSP समेत पीड़ित परिवार के नार्को टेस्ट होगा ।