नई दिल्ली, 13 फरवरी 2020, 14.00 हरष : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को कड़ा रुख अपनाते हुए दिल्ली कांग्रेस प्रमुख सुभाष चोपड़ा और पार्टी इंचार्ज पीसी चाको का इस्तीफा मंजूर कर लिया है । पार्टी ने बिहार कांग्रेस के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल को दिल्ली के अंतरिम इंचार्ज की जिम्मेदारी सौंपी है ।
दिल्ली चुनाव में कांग्रेस की शर्मनाक हार के बाद प्रदेश प्रभारी पीसी चाको और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था । कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि पार्टी चाको और चोपड़ा के योगदानों की सराहना करती है । इस बीच, पार्टी नेताओं में लगातार दूसरी बार हार के बाद आपसी बयानबाजी तेज हो गई । सभी नेता इस हार के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं ।
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस लगातार दूसरी बार अपना खाता खोलने में नाकाम रही है । पार्टी के लिए सबसे ज्यादा शर्मिंदगी की बात यह रही कि जिन 66 सीटों पर उसने चुनाव लड़ा, उनमें से 63 पर उम्मीदवार जमानत भी नहीं बचा पाए । बावजूद इसके पार्टी नेताओं ने तहेदिल से जीत के लिए आम आदमी पार्टी को मुबारकबाद दी । दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के कई नेताओं को यह काफी नागवार भी गुजरा । दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप ने 62 सीटें हासिल करके शानदार जीत दर्ज की है । भाजपा को महज आठ सीटें मिलीं, जबकि कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला ।
पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम की आप को बधाई पर प्रदेश कांग्रेस नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी के सवालों के बीच पीसी चाको के बयानों ने आग में घी का काम किया । पीसी चाको ने हार का ठीकरा पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित पर फोड़ते हुए कहा कि कांग्रेस का पतन 2013 में उनके कार्यकाल में शुरू हो गया था । इस बयान पर विवाद बढ़ने के बाद उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि वह पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को जिम्मेदार नहीं ठहरा रहे थे, बल्कि तथ्य रख रहे थे कि किस तरह पार्टी का प्रदर्शन आहिस्ता-आहिस्ता खराब होता चला गया। चाको का कहना है कि कांग्रेस का पारंपरिक वोटबैंक आप की तरफ चला गया है । अब इसके लौटने की उम्मीद बहुत कम है । पार्टी के कई नेताओं ने हार के लिए शीला दीक्षित को जिम्मेदार ठहराने पर पीसी चाको की कड़ी आलोचना की ।