राजधानी की सांस्कृतिक संस्था वक्ता मंच ने हिंदी दिवस पर साहित्यकारों का किया सम्मान

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हिंदी स्वतंत्रता आंदोलन की भाषा है।


हिंदी दिवस पर जारी आयोजनों की श्रृंखला में प्रदेश की अग्रणी संस्था वक्ता मंच द्वारा आज 18 सितम्बर की संध्या कलेक्ट्रेट परिसर स्थित पेंशनर्स कार्यालय में प्रदेश स्तरीय काव्य गोष्ठी एवं साहित्य सम्मान संपन्न हुआ । वक्ता मन्च के कार्यक्रम के अवसर पर बड़ी संख्या में राजधानी एवं आसपास के कवि एवं श्रोता उपस्थित थे ।

काव्य गोष्ठी की अध्यक्षता चेतन भारती ने की । समारोह के मुख्य अतिथि रायपुर पश्चिम के विधायक श्री विकास उपाध्याय थे । विशिष्ट अतिथि युवा नेता श्री पंकज शर्मा थे । मुख्य अतिथि विकास उपाध्याय ने हिंदी को आगे बढ़ाने हेतु तन मन धन से कार्य करने का आव्हान किया । अतिथि पंकज शर्मा ने कहा कि हिंदी भाषा ही राष्ट्र को एकजुट करके रख सकती है ।

वक्ता मंच के अध्यक्ष राजेश पराते ने जानकारी दी है कि देर रात तक चले इस गरिमामय आयोजन के दौरान रायपुर के 5 प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त साहित्यकारों सर्वश्री रमेश नैयर, डॉ सुशील त्रिवेदी, डॉ महेंद्र ठाकुर एवं गिरीश पंकज को “हिंदी सेवा” सम्मान से विभूषित किया गया । साथ ही समाज सेवी एवं कर्मचारी नेत्री ज्योति शुक्ला का उनके जन्मदिन के अवसर पर अभिनन्दन किया गया ।

इसी क्रम में 35 कलमकारों को “हिंदी मित्र” सम्मान प्रदान किया गया । इनमे तुकाराम कंसारी, सुनील पांडे, उर्मिला देवी, कुमार जगदलवी, शोभा शर्मा, छत्रसिंह बच्छावत, डॉ इंद्रदेव यदु, भवानी शंकर बेगाना, रामेश्वर शर्मा, यशवंत यदु यश, लोकेन्द्र कुमार आलोक, ए के प्रसाद, देवदत्त पाध्ये, रिक्की बिंदास, विकास कश्यप, लीलाराम साहू, मिनेश कुमार साहू, राजकुमार मसंद, शिवानी मैत्रा, पूजा अग्रवाल, दुष्यंत कुमार साहू, चेतन भारती, किरणलता वैद्य, शीलकांत पाठक, मोहन श्रीवास्तव, शोभा मोहन श्रीवास्तव, लिलेश्वर देवांगन, डॉ साधना कसार, हर्ष व्यास, वृंदा पंचभाई, मीता अग्रवाल, सत्येंद्र तिवारी सुकुति, विजय संवेदी, महिमा सैमुअल, ईश्वर साहू बंधी इत्यादि शामिल है ।

काव्य गोष्ठी में सुनील पांडे की इन पंक्तियों ने वाहवाही लूटी:-
कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत एक कहलाता है
मगर कोई राष्ट्रभाषा पूछ दे तो आदमी हकलाता है
रस्साकशी में ही लोगों का इतना जोर लग जाता है
सम्पूर्ण राष्ट्र एक डोर में बंधने से रह जाता है !”

रिक्की बिंदास की कविता ने भी तालियां बजवाई :

“मुद्दे बहुत है देश मे राजनिति करने को,
पर उनसे सबूत न मांगो जो तैय्यार रहते है देश मे मरने को, जिसपे करो राजनिति तुम ये कोई धरम या जात नही, सेना पे उंगली उठाओ इतनी तुम्हारी औकात नही ।”

कार्यक्रम में राजेश पराते, शुभम साहू, विवेक बेहरा, धनेश्वरी नारंग, ईश्वर साहू, डॉ इंद्रदेव यदु, प्रगति पराते, यशवंत यदु सहित वक्ता मंच के समस्त पदाधिकारी उपस्थित थे ।

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