भोपाल, 23 मार्च 2020, 21.10 hrs : मध्यप्रदेश की सियासत पर लगा विराम । शिवराज सिंह बने चौथी बार मुख्यमंत्री ।
2018 के विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद, 15 साल बाद, दिसंबर में काँग्रेस की सरकार बनी और 15 माह तक काँग्रेस के कमलनाथ बने मुख्यमंत्री । शुरू से ही माना जा रहा था कि, बहुमत के आंकड़े से कुछ कदम की दूरी तय करने बीजेपी बड़ा दाँव खेलकर काँग्रेस की सरकार गिरा देगी । और यही हुआ जब होली के पहले कमलनाथ सरकार से नाराज़ ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने 22 समर्थकों के साथ काँग्रेस छोड़ दी । इससे काँग्रेस की सरकार अल्पमत में आ गई ।
कमलनाथ के सारे दांवपेंच उल्टे पड़े और अन्ततः उन्हें इस्तीफा देना पड़ा । इस बदलाव के बाद भी मध्यप्रदेश “कमल विहीन” नहीं हुआ और बीजेपी का “कमल” खिलने के बाद शिव “राज” कायम हो गया ।