अम्बिकापुर, 9 मार्च 2021, 11.55 hrs : छत्तीसगढ़ की एक महिला अंबिकापुर में सड़कों पर रोजाना देखने को मिलती है । तारा प्रजापति नाम की यह महिला के मर्दों की हिम्मत को चुनौती दे रही है ।
तारा गोद में अपने एक साल के बच्चे को अपने पेट के आगे बांध कर ऑटो रिक्शा चलाती है । “महिला दिवस ” के दिन यह जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हर व्यक्ति को प्रेरणा देती है ।
अगर अम्बिकापुर में किसी से भी तारा प्रजापति के बारे में पूछा जाए तो वह एक ही जवाब देगा कि वह बहुत ही जज्बे वाली महिला हैं । वह अपने बच्चे को गोद में लेकर पूरे शहर में ऑटो रिक्शा चलाने का काम करती हैं. ।
तारा अपने काम के दौरान अपने बच्चे का भी पूरा ध्यान रखती है । बच्चे के लिए वह पानी की बोतल के साथ खाने का भी सामान साथ रखती है ।
गरीबी से तंग आकर तारा ऑटोरिक्शा चालक बन गई है । तारा 12वीं (कॉमर्स) तक पढ़ी हैं, 10 साल पहले जब उनकी शादी हुई तो परिवार की माली हालत ठीक नहीं थी । किसी तरह से पति ने ऑटो चलाने का काम किया । परिवार की स्थिति सुधर सके इसके लिए तारा ने अपने पति का साथ दिया और खुद भी ऑटो चालक बन गईं ।
तारा प्रजापति का कहना है कि वो बेहद ही गरीब परिवार से आती हैं और उनकी बच्चे की देखभाल करने वाला कोई नहीं है । पेट पालने के लिए ऑटो चलाना भी जरूरी है । परिवार की स्थिति ठीक नहीं है बच्चों की पढ़ाई और घर ठीक से चल सके इसलिए मैं ऑटो चलाती हूं । मैंने अपने पति के साथ खुद परिवार की जिम्मेदारी उठानी शुरू कर दी है । छोटी-छोटी जरूरतों को पूरा करने के लिए मैं आज भी संघर्ष करने से पीछे नहीं हटती हूं ।