अयोध्या, 08 मई 2021, 21.50 hrs : पश्चिम बंगाल में हो रहे हिंसा को लेकर अयोध्या के संत नाराज हैं । तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास बंगाल की हिंसा को लेकर आंदोलित हो गए हैं. उन्होंने बीते दिनों उपवास सत्याग्रह किया था और अब ममता बनर्जी और टीएमसी के कार्यकर्ताओं के खिलाफ उन्होंने मोर्चा खोल दिया है ।
बंगाल में बढ़ती राजनीतिक हिंसा से आहत संत परमहंस दास ने आज रामघाट तपस्वी जी की छावनी में अपनी चिता सजाकर उसकी पूजा की. संत ने चिता को साक्षी मानकर ऐलान किया है कि 24 मई तक पश्चिम बंगाल के हालात नहीं सुधरे तो 25 मई को वे आत्मदाह कर लेंगे ।
परमहंस दास ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में लाखों लोगों की हत्या हुई है जिसे ममता बनर्जी छुपा रही हैं. महंत परमहंस दास ने कहा कि जब वहां पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हाई सिक्योरिटी के बावजूद हमला हो सकता है, तो वहां पर आम पब्लिक की क्या स्थिति होगी. 16 अगस्त 1946 में जिस तरह से कलकत्ता किलिंग हुई थी, डायरेक्ट एक्शन जिसका नाम दिया गया था, आज वही हालत वेस्ट बंगाल की हो गई है. महंत परमहंस दास ने बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करते हुए मांग की कि पश्चिम बंगाल से घुसपैठिए रोहिंग्या मुसलमानों को बाहर किया जाए. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि पश्चिम बंगाल के हालात बहुत खराब हैं. वहां के पीड़ितों को न्याय मिलना चाहिए. जिनका घर जलाया गया है, उनको घर मिलना चाहिए. साथ ही बतौर मुआवजा उन्हें एक करोड़ रुपए और मृतकों के परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी भी दिया जाना चाहिए.
महंत ने की बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग
बताते चलें कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान और नतीजों के बाद राज्य से हिंसा की खबरें आती रही हैं. इस स्थिति से आहत महंत परमहंस दास ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी ने चुनाव के बाद ही कह दिया था कि खेला होबे. जब से चुनाव जीती हैं, तब से लगातार वहां पर राजनीतिक हिंसा हो रही है. लोगों को मारा जा रहा है. आग लगाई जा रही है. परमहंस दास ने राष्ट्रपति से मांग की है कि पश्चिम बंगाल में तत्काल राष्ट्रपति शासन लगाया जाए और वहां दोबारा चुनाव करवाया जाए. घुसपैठिए रोहिंग्या मुसलमानों की नागरिकता समाप्त कर उन्हें देश से बाहर कर दिया जाए. परमहंस दास ने मोदी से मांग की है कि पश्चिम बंगाल को दूसरा पाकिस्तान बनने से बचाएं. (news18.com)