हर्षद पहली बार तब सुर्खियों में आये थे, जब देश का शेयर मार्केट धड़ाम से गिर पड़ा और इसके केंद्र में नज़र आये हर्षद मेहता ।
शनिवार को कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री Shobha Yadav जी से उनका हालचाल पूछने पहुंची तो हर्षद मेहता की बात चल पड़ी । शोभा जी से पता चला कि हर्षद मेहता का बाल्यकाल #रायपुर छत्तीसगढ़ में बीता था । रायपुर के नहरपारा में उनका परिवार रहता था । पिता शांतिलाल मेहता की गुरुनानक चौक में एक छोटी सी दुकान थी ।
हर्षद मेहता और उनके छोटे भाई अश्विन मेहता रायपुर के प्रतिष्ठित होली क्रॉस बैरन बाजार सेकेंडरी स्कूल में पढ़ते थे । रायपुर में हर्षद एक कमरे के मकान में माता-पिता, चार भाइयों और एक बहन के साथ रहते थे । हर्षद मेहता क्रिकेट का शौकीन थाव। महत्वाकांक्षी था। #RBI की लचर गाइड लाइन्स का फायदा उठाते हुए उसने एक कुचक्र रचा और 1992 में देश का सबसे चर्चित “इंडियन स्टॉक मार्केट स्कैम” सामने आया, जो “हर्षद मेहता स्कैम” के नाम से भी जाना जाता है ।
रायपुर में उसके क्लासमेट्स आज भी गाहे बगाहे उसे याद करते हैं । छत्तीसगढ़ सरकार के कैबिनेट मंत्री #मोहम्मद_अकबर, कारोबारी हरबख्श लाली बत्रा, सेवानिवृत्त अफसर वीरेंद्र बिलैया, स्टेट बैंक अफसर मनहरण वेलु और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्य सचिव (वर्तमान अध्यक्ष ‘रेरा’) #विवेक_ढांड के नाम हर्षद के स्कूल/कॉलेज के साथियों में शुमार रहे हैं । हर्षद मेहता रायपुर के प्रतिष्ठित #दुर्गा_कॉलेज में छात्रसंघ सचिव भी रहे हैं ।
हर्षद की रहस्यमयी गुत्थी आज भी सुलझी नहीं है क्योंकि वो अकेला उस स्कैम का सूत्रधार नहीं था। उस वक़्त के बड़े-बड़े नेताओं, अफसरों के नाम इसमें सामने आ सकते थे । लेकिन बड़ी सफाई से सारा ठीकरा हर्षद के सर फोड़, मामले को रफ़ा-दफ़ा कर दिया गया ।
नोट- चित्र रायपुर स्थित स्कूल होली क्रॉस स्कूल का, जिसमें पहली पंक्ति में अश्विन मेहता और दूसरी लाइन में हर्षद मेहता नज़र आ रहे हैं। (पिक्चर और जानकारी साभार: आदित्य यश पत्रिका)