नई दिल्ली, 18 जून 2021, 20.45 hrs : राजदीप सरदेसाई ने कहा कि राहुल गांधी की पप्पू वाली छवि बनाने के लिए आधे अधूरे झूठ-सच को मिलाकर तैयार किए गए भाजपा के अभियान ने करोड़ों वोटर्स को प्रभावित किया ।
राम मंदिर के लिए जमीन खरीद में कथित घोटाले पर जारी सियासत और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की आहट के बीच वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने राहुल गांधी को कांग्रेस छोड़कर अपनी अलग पार्टी बनाने की सलाह दी है। एक हिंदी दैनिक के लिए लिखे अपने लेख में सरदेसाई ने कहा कि हर बात को राहुल गांधी पर डालने का चलन जैसा हो गया है। भाजपा उन्हें अयोग्य नेता तो ठहराती ही है। कांग्रेसी भी पीठ पीछे पार्टी के संकट के लिए उन्हें ही जिम्मेदार ठहरा देते है ।
‘दैनिक भास्कर’ के लिए लिखे लेख में राजदीप सरदेसाई ने कहा कि राहुल गांधी की पप्पू वाली छवि बनाने के लिए आधे अधूरे झूठ-सच को मिलाकर तैयार किए गए भाजपा के अभियान ने करोड़ों वोटर्स को प्रभावित किया। अब ऐसी स्थिति हो गई है कि जब राहुल वाजिब सवाल भी उठाते हैं तब भी उनकी अयोग्य छवि ही बनती है। सियासत में छवि सुधारना कठिन काम है ।
राहुल गांधी के बहाने कांग्रेस के पिछले कुछ सालों के प्रदर्शन की चर्चा करते हुए राजदीप सरदेसाई ने लिखा है कि ऐसा नहीं है कि 17 साल पहले राहुल के राजनीति में आने से पहले कांग्रेस बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहे थी । 1984 के बाद तो कांग्रेस को केंद्र में कभी बहुमत ही नहीं मिला ।
सरदेसाई ने राहुल गांधी का बचाव करते हुए आगे लिखा कि संगठन में गिरावट के लिए राहुल गांधी को कतई दोष नहीं दे सकते हैं, क्योंकि यह तो उनके आने से पहले ही शुरू हो गया था । इस परिस्थिति में अगर राहुल वाकई कांग्रेस में सुधार चाहते हैं तो वे यह काम कांग्रेस में रहते हुए नहीं कर सकते हैं। फैसला राहुल गांधी को करना है ।
उधर सोशल मीडिया पर भी राजदीप सरदेसाई के इस लेख को तमाम यूजर्स शेयर कर रहे हैं और अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं । वरिष्ठ पत्रकार आशीष ने लिखा ‘पार्टी ना हुई टीवी चैनल हो गया… अपना ही खोल लो । वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश शर्मा ने लिखा ‘पिछले सात साल में जितनी सलाह राहुल गांधी को दी गई उतनी शायद ही किसी अन्य नेता को दी गई होंगी । स्वयंभू सलाहकार यह देखे बिना कि उनकी सलाह मानी भी जा रही है या नहीं, अब भी ताबड़तोड़ सलाहें दिए जा रहे हैं ।’
विमल नाम के यूजर ने लिखा ‘राहुल गांधी को तमाम लोग सलाह दे रहे हैं । नेता-अभिनेता से लेकर पत्रकार तक… सब समझ भी रहे हैं…लेकिन राहुल गांधी ही नहीं समझ पा रहे हैं…।’