भिलाई, 9 मार्च 2025, 11.10 hrs : अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर भिलाई स्टील प्लांट की पहली महिला डॉक्टर एवं पहली महिला इंजीनियर को जानिये.
1955-56 में जब भिलाई स्टील प्रोजेक्ट आकार ले रहा था, तब पहला अस्पताल चालू हुआ 32 बंगला के बंगला नंबर 31 और 32 में । इस दौरान जब यूपीएससी ने भिलाई, राउरकेला और दुर्गापुर के लिए एक-एक मेडिकल ऑफिसर की वेकेंसी निकाली तो नागपुर से उसी साल एमबीबीएस करने वाली डॉ. गीता दासगुप्ता की नियुक्ति भिलाई में की गई ।
इस तरह वह भिलाई की पहली नियुक्त डॉक्टर रहीं । डॉ. दासगुप्ता ने यहां 32 बंगला का अस्पताल संभाला और बाद के दिनों में भिलाई में पदस्थ डीजीएम एरिक बर्नार्ड रेनबोथ (आईएएस) से विवाह कर डॉ. गीता रेनबोथ कहलाईं ।
डॉ. गीता बाद के बरसों में भिलाई आती रहीं । 22 सितंबर 2019 को उनका निधन हुआ । फिलहाल उनके एक भाई अपनी बेटी के साथ भिलाई में रहते हैं ।
इसी तरह जबलपुर से इंजीनियरिंग करने वाली प्रमिला खुराना न सिर्फ भिलाई में पदस्थ होने वाली पहली महिला इंजीनियर थीं बल्कि समूचे मध्यप्रदेश से इंजीनियर बनने वाली वह पहली महिला भी थी । प्रमिला जी का पिछले साल मार्च में निधन हुआ है ।
प्रमिला खुराना ने सितंबर 1957 में भिलाई स्टील प्रोजेक्ट ज्वाइन किया था । बाद में उनका विवाह बीएसपी में पदस्थ इंजीनियर बालकृष्ण नायर से हुआ और फिर वह प्रमिला नायर हो गईं । प्रमिला के दो माह बाद नवंबर 1957 में ऊषा दानी ने दूसरी महिला इंजीनियर के तौर पर बीएसपी की सेवा ज्वाइन की थी । ऊषा दानी के पिता पुरुषोत्तम प्रभाकर दानी तब भिलाई स्टील प्रोजेक्ट के चीफ इंजीनियर (सिविल) थे ।
बाद के वर्षों में ऊषा दानी का विवाह भिलाई के ही एक इंजीनियर एसके रॉय से हुआ । रॉय बीएसपी में चीफ मेकेनिकल इंजीनियर (सीएमई) रहे और बाद के वर्षों में स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) में निदेशक हुए । 1991 में डॉ. ईआरसी शेखर के जाने और सुब्रत रे के आने के बीच 4 माह (मार्च-जुलाई) के दौरान एसके रॉय ने अतिरिक्त प्रभार के तौर पर भिलाई के मैनेजिंग डायरेक्टर का दायित्व भी निभाया ।
इन तीनों हस्तियों के बारे में भिलाई पर तैयार मेरे डाक्यू-ड्रामा में झलकियां इस लिंक (https://www.youtube.com/watch ?v=pK9BWmcQVlA) पर जाकर देख सकते हैं । बाकी विस्तार से मेरी किताब #volgaseshivnathtak में सब कुछ दर्ज है।
Courtesy – journalist Mohammed Zakir Hussain