रायपुर, 28 अक्टूबर 2020, 22.10 hrs : त्यौहारी सीजन में हजारों रुपयों की छूट देकर ग्राहकों को विशेष सेल के माध्यम से आकर्षित कर रही ऑनलाइन कंपनियों की धोखाधड़ी से ग्राहक परेशान हो रहे है । आये दिन मोबाइल या अन्य सामग्रियों का आर्डर देने पर कुरियर कंपनियों के माध्यम से प्राप्त आकर्षक पैकेट मिल तो जाते है ।
पैकेट खोलने पर मनचाही सामग्री के स्थान पर टाइल्स या पत्थर के टुकड़े मिलने पर हजारो रुपये फंसा चुके उपभोक्ताओं के पैरों तले से जमीन खिसक जाती है । इस धोखाधड़ी की जिम्मेदारी न तो कोई कंपनी लेती है और न ही कुरियर सर्विस । यहाँ तक कि पुलिस थानों में शिकायत करने पर भी कोई एफ आई आर दर्ज नही की जा रही है । मात्र थाना प्रभारी सूचना लिख रहे है और उसकी कोई पावती भी शिकायतकर्ता को उपलब्ध नही कराई जा रही है ।
संबंधित कंपनी से बात करने पर वह जांच पड़ताल के नाम पर लंबा समय लेती है । कम्पनियो के ग्राहक शिकायत प्रकोष्ठ में काल करने पर एक अधिकारी से दूसरे अधिकारी के पास बात होते रहती है, लेकिन कोई हल नही निकलता।पूरे प्रदेश में जारी इस प्रकार की धोखाधड़ी की घटनाओं पर प्रभावी कार्यवाही की जरूरत है ।
हाल ही में मोवा निवासी युवक शैलेश दास द्वारा 18 अक्टूबर को अमेज़ॉन डॉट इन साईट से सैमसंग गैलेक्सी एम 51 मोबाइल का आर्डर किया गया था जिसका भुगतान क्रेडिट कार्ड से किया गया था । इसकी कीमत 21,548 रुपये है । दिनांक 22 अक्टूबर को सुबह 11 बजे अमेज़न के डिलीवरी बॉय से आर्डर प्राप्त हुआ । बॉक्स को खोलने पर मोबाइल के स्थान पर टाइल्स का बड़ा टुकड़ा निकला जिसका विडियो और फोटो रिकॉर्ड कर लिया गया है । इस धोखाधड़ी की जानकारी अमेजन डॉट इन पर फोन के माध्यम से तत्काल दे दी गई है और अमेजन डॉट इन ने 5 दिन की तहकीकात का समय माँगा है । लेकिन 5 दिन व्यतीत हो जाने के बाद भी कंपनी द्वारा कोई उचित जवाब नही दिया गया है । दूसरी ओर पुलिस थाना में भी घटना की प्राथमिकी दर्ज करने से मना कर मात्र लिखित में सूचना ले ली गई है ।
छ.ग. नागरिक अधिकार समिति के अध्यक्ष शुभम साहू ने कहा है कि आये दिन इस प्रकार की धोखाधड़ी की घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी होने के बावजूद कोई प्रभावी कार्यवाही न होना चिंताजनक तथ्य है । एक ओर ऑनलाइन कंपनियां आम व्यवसायियों के ग्राहकों को छीन रही है और दूसरी ओर ग्राहकों से भी धोखाधड़ी कर रही है । उन्होंने प्रदेश में ऑनलाइन कंपनियों की जालसाजी रोकने कड़े कानून बनाये जाने की मांग की है ।