नई दिल्ली, 22 अक्टूबर 2020, 16.35 hrs : कोरोना काल मे विदेशी नागरिकों का भारत आने से रोक दिया गया था । आठ माह बाद, अब केंद्र सरकार ने, चुनिंदा श्रेणियों को छोड़ सभी प्रकार के वीजा को बहाल करने का निर्णय लिया ।
कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए देश में लागू लॉकडाउन के चलते सरकार ने सभी प्रकार के वीजा को निलंबित कर दिया था । गृह मंत्रालय ने आज घोषणा करते हुए कहा है कि इलेक्ट्रॉनिक वीजा, पर्यटक वीजा और चिकित्सा वीजा को छोड़कर, शेष सभी प्रकार के वीजा को तत्काल प्रभाव से बहाल किया जा रहा है ।
मंत्रालय ने कहा कि वर्जित श्रेणियों को छोड़ भारत के विदेशी नागरिक (ओसीआई) और भारतीय मूल के व्यक्ति (पीआईओ) कार्ड रखने वाले सभी व्यक्तियों समेत सभी विदेशी नागरिक अब किसी भी उद्देश्य से भारत की यात्रा कर सकते हैं ।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर सरकार ने फरवरी 2020 से अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की आवाजाही को रोकने के लिए कई कदम उठाए थे । सरकार ने अब भारत में प्रवेश करने या यहां से बाहर जाने के इच्छुक विदेशी नागरिकों और भारतीय नागरिकों की अधिक श्रेणियों के लिए वीजा व यात्रा प्रतिबंधों में क्रमिक छूट देने का निर्णय लिया है । इस क्रमिक छूट के तहत सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक वीजा, पर्यटक वीजा और चिकित्सा वीजा को छोड़कर सभी मौजूदा वीजा को तत्काल प्रभाव से बहाल करने का फैसला किया है । यदि ऐसे वीजा की वैधता समाप्त हो गई है, तो उपयुक्त श्रेणियों के ताजा वीजा भारतीय मिशन से प्राप्त किए जा सकते हैं ।
चिकित्सा उपचार के लिए भारत आने के इच्छुक विदेशी नागरिक अपने चिकित्सा परिचारकों सहित चिकित्सा वीजा के लिए नए सिरे से आवेदन कर सकते हैं । यह निर्णय विदेशी नागरिकों को विभिन्न उद्देश्यों जैसे व्यवसाय, सम्मेलन, रोजगार, अध्ययन, अनुसंधान, चिकित्सा आदि के लिए भारत आने में सक्षम करेगा । सरकार ने सभी ओसीआई और पीआईओ कार्ड धारकों तथा अन्य सभी विदेशी नागरिकों को हवाई मार्ग या जल मार्ग से यात्रा के लिए अधिकृत करने की अनुमति देने का फैसला किया है । इसमें ‘वंदे भारत मिशन’ के तहत संचालित उड़ानें, एयर ट्रांसपोर्ट बबल अरेंजमेंट और नागरिक उड्डयन मंत्रालय की अनुमति के अनुसार कोई भी गैर-अनुसूचित वाणिज्यिक उड़ान भी शामिल हैं । हालांकि सरकार ने कहा है कि ऐसे सभी यात्रियों को क्वारंटीन तथा स्वास्थ्य व कोविड से संबंधित स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अन्य दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन करना होगा ।