4 साल में 11 परमाणु वैज्ञानिकों की रहस्यमयी परिस्थितियों में हुई मौत ।
भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग ने इस बात का खुलासा किया है कि चार सालों में कुल 11 परमाणु वैज्ञानिकों की रहस्यमयी परिस्थियों में मौत हो गई है । इनमें से आठ ऐसे वैज्ञानिक हैं जो या तो विस्फोट में मारे गए या फिर उन्होंने खुद को फंदे से लटका लिया । कुछ की मौत समुद्र में डूबने की वजह से भी हुई ।
बॉर्क में सी-ग्रुप के दो वैज्ञानिक साल 2010 में अपने आवास में फांसी झूलके पाए गए । जबकि उसी ग्रुप के अन्य वैज्ञानिक को 2012 में उनके आवास पर मृत पाया गया । वह रावतभाटा में वैज्ञानिक के पद पर तैनात थे ।
बार्क के एक मामले में पुलिस ने दावा किया किया कि वैज्ञानिक काफी दिनों से बीमार चल रहे थे जिसकी वजह से उन्होंने आत्महत्या कर ली और उनके केस को बंद कर दिया । वहीं दो अन्य मामलों में अभी जांच जारी है । साल 2010 में बार्क में ही तैनात दो अनुसंधानकर्ताओं की रासायनिक प्रयोगशाला में लगी रहस्यमयी आग में मौत हो गई थी ।
एक दूसरे वैज्ञानिक की उसके आवास पर ही हत्या कर दी गई थी । वह केस भी आज तक अनसुलझा है । इसके अलावा मध्य प्रदेश के इंदौर में स्थित राजा रमन्ना सेंटर फॉर एडवांस टेक्नोलॉजी में तैनात एक वैज्ञानिक ने भी आत्महत्या कर ली । उस केस को भी पुलिस ने बंद कर दिया। वैज्ञानिकों की मौत की यह घटना यहीं खत्म नहीं हुई । इनमें कलपक्कम में तैनात एक वैज्ञानिक ने 2013 में समुद्र में कूदकर अपनी जान दे दी वहीं एक अन्य ने कर्नाटक के करवार में काली नदी में कूद कर अपनी जान दे दी ।
ये सारी मौतें केवल एक घटना हैं या फिर कोई सोची समझी साजिश जिसके तहत देश के परमाणु कार्यक्रमों से जुड़े कई वैज्ञानिकों को मौत की नींद सुला दिया गया ? यह रहस्य शायद रहस्य ही रह जाएगा । लेकिन इन आंकड़ों से एक बात तो साफ है कि हमारे देश के वैज्ञानिकों की जिंदगी महफूज नहीं है ।
क्या चल रहा है ? अब 2 अक्टूबर, 2019 को ISRO के वैज्ञानिक एस. सुरेश की हत्या कर दी गई ।
इसरो यानी इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन, पिछले कुछ समय से मिशन चंद्रयान-2 को लेकर चर्चा में रहा है । अब इसके एक वैज्ञानिक एस. सुरेश की हत्या कर दी गई है । इसरो के नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर में काम करने वाले एस. सुरेश की बॉडी एक अक्टूबर को हैदराबाद के उनके फ्लैट में मिली थी ।
पुलिस के मुताबिक एस. सुरेश 56 साल के थे । हैदराबाद के अमरप्रीत इलाके में अन्नपूर्णा अपार्टमेंट में अकेले रहते थे । मूलरूप से वे केरल के रहने वाले थे । एक अक्टूबर को वो ऑफिस नहीं पहुंचे । बिना किसी वजह के ऑफिस नहीं जाने पर साथियों ने फोन किया । लेकिन काफी देर तक कॉल रिसीव नहीं हुई । इसके बाद सुरेश के साथियों ने चेन्नई के एक बैंक में काम करने वाली उनकी पत्नी को फोन किया । वो घर के लोगों के साथ फ्लैट पर पहुंचीं । दरवाजा खटखटाया, लेकिन नहीं खुला । पुलिस को बुलाया कर दरवाजा तोड़ा गया तो सुरेश की बॉडी ज़मीन पर पड़ी थी ।
ट्वीटर पर पुलिस ने जानकारी दी :
Hyderabad Police : SR Suresh Kumar, who was working as a scientist at National Remote Sensing Centre (NRSC) of ISRO, found dead at his residence in Ameerpet. Body shifted to Osmania hospital for post mortem. Investigation is underway.
पुलिस ने बताया-
‘सिर पर चोट के निशान हैं । पहली नजर में लगता है कि किसी ने उनके सिर पर किसी भारी चीज से वार किया था । हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि कोई जबरदस्ती फ्लैट में घुसा था या कोई ऐसा व्यक्ति था जो सुरेश को पहले से ही जानता था । सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं. बॉडी को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है.’
पुलिस हत्या के पीछे की वजह तलाश रही है ।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पहली नजर में कोई व्यक्तिगत दुश्मनी का मामला लग रहा है । इसका ऑफिस से कोई कनेक्शन नहीं है । सुरेश पिछले 20 सालों से हैदराबाद में रह रहे थे । उनकी पत्नी इसी शहर में काम करती थीं लेकिन 2005 में उनका चेन्नई में ट्रांसफर हो गया था । उनका बेटा अमेरिका में सेटल हो गया है, जबकि बेटी चेन्नई में ही रहती है ।