नई दिल्ली, 28 जनवरी, 2020, 13.00 hrs : कल सोमवार, 27 जनवरी को निर्भया केस के दोषियों की डमी को दूसरी बार फांसी दी गई । तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने डमी को फांसी देने की प्रक्रिया पूरी की । यह प्रक्रिया दोषी को फांसी देने के पहले की रिहर्सल मानी जाती है ।
पहली बार, 12 जनवरी को भी चारों दोषियों की डमी को फांसी दी गई थी । डमी, चारों दोषियों के वजन के हिसाब से तैयार की गई । दिल्ली कोर्ट ने चारों दोषियों का डेथ वॉरंट जारी कर उन्हें 1 फरवरी को सुबह 6 बजे फांसी देने का आदेश दिया है ।
12 जनवरी को हर दोषी के वजन के अनुसार पत्थरों और मलबे से डमी बनाई गई थी । उस समय डमी को फांसी देने के लिए जल्लाद नहीं बुलाया गया था और जेल अधिकारियों ने ही इस प्रक्रिया को अंजाम दिया था । उस कोर्ट ने निर्भया के चारों दुष्कर्मियों अक्षय ठाकुर (31), पवन गुप्ता (25), मुकेश सिंह (32) और विनय शर्मा (26) के खिलाफ डेथ वॉरंट जारी कर उन्हें 22 जनवरी को फांसी देने का आदेश दिया था । इसके बाद कानूनी प्रक्रिया के चलते दोबारा डेथ वॉरंट जारी हुआ और अदालत ने अब सभी चारों दोषियों को 1 फरवरी को सुबह 6 बजे फांसी देने का आदेश दिया है । चारों को जेल नंबर 3 में फांसी दी जाएगी ।
वारदात के 2578 दिन बाद पहली बार फांसी की तारीख तय हुई : 16 दिसंबर, 2012 की रात दिल्ली में पैरामेडिकल छात्रा से 6 लोगों ने चलती बस में दरिंदगी की थी । गंभीर जख्मों के कारण 26 दिसंबर को सिंगापुर में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी । घटना के नौ महीने बाद यानी सितंबर 2013 में निचली अदालत ने 5 दोषियों – राम सिंह, पवन, अक्षय, विनय और मुकेश को फांसी की सजा सुनाई थी । मार्च 2014 में हाईकोर्ट और मई 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा बरकरार रखी । ट्रायल के दौरान मुख्य दोषी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी । एक अन्य दोषी नाबालिग होने की वजह से 3 साल में सुधार गृह से छूट चुका है ओ। इस केस में वारदात के 2578 दिन बाद डेथ वॉरेंट जारी किया गया ।