नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (एनआरसी) की अंतिम सूची में दोबारा भारत के पांचवें राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के परिवार के सदस्यों को जगह नहीं मिल पाई ।
एनआरसी की अंतिम सूची में आवेदन करने वाले 3.3 करोड़ लोगों में से करीब 19 लाख लोगों के नाम नहीं हैं । 31 अगस्त को एनआरसी की अंतिम सूची का प्रकाशन हुआ ।
फखरुद्दीन अली अहमद साल 1974 से साल 1977 के बीच राष्ट्रपति रहे. अंतिम सूची में उनके परिवार के चार सदस्यों को जगह नहीं मिल पाई है.
एएनआई ने पूर्व राष्ट्रपति के भतीजे एसए अहमद के हवाले से बताया है कि एनआरसी की सूची में परिवार के सदस्यों के नाम नहीं है. हम ऑथरिटी से सात सितम्बर के बाद संपर्क करेंगे और सूची में नाम शामिल करवाने के लिए प्रक्रियाओं का पालन करेंगे.”
संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष शरणार्थी अधिकारी ने भारत से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है कि असम राज्य में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) से लगभग 20 लाख लोगों को बाहर किए जाने के बाद कोई भी व्यक्ति राष्ट्र विहीन न हो.
शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त फिलिपो ग्रेंडी ने जिनेवा में रविवार को बयान जारी कर अपनी चिंता जाहिर की.
उन्होंने कहा कि, ‘‘कोई भी प्रक्रिया जिसमें बड़ी संख्या में लोग बिना किसी राष्ट्र की नागरिकता के छूट जाते है तो वह देशविहीनता को समाप्त करने के वैश्विक प्रयासों के लिए एक बहुत बड़ा झटका होगा.’’
एनआरसी में शामिल होने के लिए 3,30,27,661 लोगों ने आवेदन दिया था. इनमें से 3,11,21,004 लोगों को शामिल किया गया है और 19,06,657 लोगों को बाहर कर दिया गया है.
असम सरकार ने दावा किया था कि कई वास्तविक भारतीय एनआरसी की अंतिम सूची से छूट गए हैं लेकिन उन्हें घबराने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि उनके पास विदेशी न्यायाधिकरण (एफटी) में अपील करने का विकल्प उपलब्ध है.