शिवशंकर भट्ट का नान घोटाले में शपथ पत्र देकर सनसनी खेज खुलासा : रमन सिंह ने बनवाये थे 21 लाख फर्जी राशन कार्ड । वीणा सिंह सहित अन्य नेताओं पर लगाए आरोप
नान घोटाले में बड़ी जानकारी मिली है। प्रमुख आरोपी शिवशंकर भट्ट ने कोर्ट में दिए शपथपत्र में पिछली सरकार के कई प्रभावशाली चेहरों पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि इस महाघोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह समेत कई प्रभावशाली नेताओं और अधिकारियों के नाम शामिल हैं ।
भट्ट ने शपथपत्र में कहा है कि 2013 के चुनाव के पहले डा. रमन सिंह और पुन्नूलाल मोहिले ने नान के तत्कालीन चेयरमेन लीलाराम भोजवानी को चुनावी फंड के लिए आदेश दिया था, जिसके बाद बीजेपी के एकाउंटेंट जैन के पास पांच करोड़ रूपए जमा कराए गए थे।
शिवशंकर भट्ट ने दावा किया है कि यह राशि चना और दाल सप्लायर्स और कुछ बड़े राइस मिलर्स को मजबूर कर चुनावी चंदा के लिए हासिल किया गया था । भट्ट ने कहा है कि उसकी मौजूदगी में सप्लायर्स ने यह राशि खुद बीजेपी कार्यालय जाकर जमा किया था, उस वक्त वहां धरमलाल कौशिक समेत बड़े पदाधिकारी मौजूद थे । भट्ट ने यह भी बताया है कि अक्टूबर 2013 में लीलाराम भोजवानी के साथ वह पुन्नूलाल मोहिले के निवास में एक करोड़ रूपए चुनावी चंदा पहुंचाने गया था । इसके बाद फरवरी 2014 में नान के तत्कालीन एमडी कौशलेंद्र सिंह ने सीएम हाउस जाकर डाक्टर रमन सिंह की पत्नि वीणा सिंह को तीन करोड़ रूपए दिए गए थे । उस वक्त ही कौशलेंद्र सिंह ने वीणा सिंह की बहन रेणु सिंह के ऐश्वर्या रेसीडेंसी स्थित घर जाकर पांच लाख रूपए दिए ।
भट्ट ने अपने शपथपत्र में कहा है कि साल 2013 में 21 लाख फर्जी राशन कार्ड तैयार किए गए थे । कार्ड बनाने में पूर्व मुख्यमंत्री डाक्टर रमन सिंह, पूर्व खाद्यमंत्री पुन्नूलाल मोहिले और तत्कालीन चेयरमेन रहे लीलाराम भोजवानी का हाथ था । इस फर्जी राशन कार्ड के आधार पर तीन सालों तक चावल, चना-दाल, नमक, मिट्टी तेल, गैस एवं खाद्य पदार्थों की अफरा-तफरी बड़े पैमाने पर की गई । एक ही परिवार के तीन-तीन, चार-चार राशन कार्ड बनवा दिए गए थे । खाद्य विभाग के अधिकारी ऐसा नहीं करना चाहते थे, लेकिन डाक्टर रमन सिंह, पुन्नूलाल मोहिले और लीलाराम भोजवानी ने कुछ अधिकारियों को ज़बरदस्ती, डराया और धमकाया और, काम नहीं करने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई थी ।
शपथपत्र में शिवशंकर भट्ट ने बताया है कि फर्जी राशन कार्ड से लगभग 3 वर्षों तक चावल, चना-दाल, नमक, मिट्टी तेल, गैस एवं खाद्य पदार्थों की जमकर अफरा-तफरी की गई. चूंकि आदेश खाद्य विभाग की ओर से जारी किया गया था, इसलिए नान के अधिकारियों ने पास रोक-टोक का कोई कारण नहीं था।