युवाओं को नहीं आता, बैलट से वोट देना । बैलट पेपर से चुनाव हो रहे हैं । हो सकते हैं आधे से अधिक मतपत्र निरस्त । बैलट से वोट देना बहुतों को नहीं आता है ।
लम्बे समय बाद इस बार के निकाय चुनाव में EVM के बजाय बैलट से होंगे चुनाव । बैलट से चुनाव होने से खतरा है कि अधिकांश मतपत्र निरस्त हो जायें । दरअसल बैलट से चुनाव की घोषणा तो हुई पर युवा मतदाताओं को बैलट से वोट देने का कोई प्रशिक्षण नहीं दिया गया है ।
चुनाव आयोग भी सिर्फ़ अपने चुनाव अधिकारियों और कर्मचारियों को ही प्रशिक्षण दिए होंगे पर आम मतदाताओं को मतदान की प्रक्रिया के बारे में लगातार जानकारी देना ज़रूरी नहीं समझा ।
इधर, सभी दलों के प्रत्याशी भी मतदाताओं को सिर्फ हाथ जोड़कर, चरण वन्दन कर, चेप्टी, नोट, कम्बल, इत्यादि से लुभाने में लगे हैं पर बैलट पेपर से वोट करने का तरीका नहीं बताया है । इससे सभी दलों को भारी नुकसान पहुंचने की संभावनाहै । वैसे मतदाता तो पूरी शिद्दत से अपने पसंद के प्रत्याशियों को वोट करेंगे पर बैलट पर, सील कहाँ या कैसे लगाना, ये नहीं पता है । और इसका नुकसान सभी दलों को भुगतना पड़ सकता है ।
अभी भी यदि सरकार और चुनाव आयोग लगातार मतपत्र पर सील कहाँ लगाया जाये, यह प्रचारित करें तो नुकसान से बचा जा सकता है ।