बताया जा रहा है कि पावर प्लांट से निकलने वाले गर्म राख की पाइप कहीं से जाम हो गई थी जिसे ठीक करने सीनियर इंजीनियर रामचन्द्र साह पाइप को खोल कर उसे ठीक करने में लगे थे । अचानक इसी दौरान गर्म राख तेजी से बाहर निकला और इससे सीनियर इंजीनियर चपेट में आ गये और बुरी तरह से घायल हो गये ।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार जिंदल फोर्टिज में इलाज के दौरान शाम करीब साढ़े 4 बजे मौत हो गई । मोनेट प्रबंध ने मृतक के परिजनों को इस घटना की इत्तला दे दी है । मोनेट इस्पात अपना पॉवर प्लांट शुरू करने की तैयारी में है और इसी संबंध में मशीनों की साफ सफाई हो रही थी । पाइप में फ्लाई ऐश जमा था, वैक्यूम मिलने पर फ़ोर्स के साथ वह बाहर आ गया और उसके पेट के अंदरूनी भाग को क्षतिग्रस्त कर दिया जिससे इंंजीनियर रामचंद्र साहू की मौत हो गई ।