रायपुर, 21 जुलाई 2020, 20.05 hrs : छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनुसूइया उईके ने मोक्षदा चन्द्राकर (ममता चन्द्राकर) को खैरागढ़ इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया है ।
राज्यपाल एवं कुलाधिपति, इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ सुश्री अनुसुईया उइके ने आज जारी आदेश में यह उल्लेखित किया गया है कि मोक्षदा चन्द्राकर का कार्यकाल, उपलब्धियां तथा सेवा शर्त विश्वविद्यालय अधिनियम एवं परिनियम में निहित प्रावधान अनुसार होंगी ।
पिछले दो कार्यकाल तक कुलपति रही प्रो. डॉ. मांडवी सिंह की जगह अब ममता चंद्राकर लेंगी । ज्ञात हो कि प्रो. मांडवी सिंह का दूसरा कार्यकाल भी 10 मई 2019 को खत्म हो चुका था, लेकिन उनकी जगह पर नये कुलपति की नियुक्ति नहीं की गयी थी ।
छत्तीसगढ़ का राजगीत बना “अरपा पैरी के धार” भी ममता चंद्राकर ने ही गाया है । ममता छत्तीसगढ़ की मशहूर लोकगायिका है । उन्हें वर्ष 2016 में भारत सरकार ने पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा था जो कला के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ से नौवां पुरस्कार था ।
मशहूर गायिका ममता चंद्राकर बचपन से लोकगीत गाते आ रही हैं । इसमें उनके पिता दाऊ महासिंह चंद्राकर का पूरा सहयोग रहा है और कई दशकों से छत्तीसगढ़ और आसपास के राज्यों में रेडियो और सीडी में उनके गीत सुनाई पड़ रहे हैं । उनके पिता दाऊ महासिंह चंद्राकर भी लोककला के संरक्षक थे । छत्तीसगढ़ी फिल्मों में भी उन्होंने अपनी आवाज का जादू बिखेरा है ।
ममता चंद्राकर रायपुर आकाशवाणी में डायरेक्टर के पद से सेवानिवृत्त हुई हैं । उनके पति प्रेम चंद्राकर छत्तीसगढ़ी फिल्मों के वरिष्ठ निर्माता, निर्देशक एवं कलाकार भी हैं ।