इंदौर, 14 अगस्त 2020, 18.20 hrs : मध्यप्रदेश के किशोर वाधवानी को मिली ज़मानत । हाई कोर्ट ने फैसले में कहा कि बाहर आने के बाद वाधवानी इस केस से जुड़े किसी भी गवाह को प्रलोभन या धमकी नहीं देंगे । किशोर को अपना पासपोर्ट भी सरेंडर करना होगा ।
जांच एजेंसी जब भी पूूछताछ के लिए बुलाएगी तब वाधवानी को जाना होगा ।
अरबों रुपए के सिगरेट, गुटखा टैक्स घोटाले के आरोपी किशोर वाधवानी को मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ से 10 लाख रुपए के निजी मुचलके पर जमानत का लाभ मिल गया है । हाई कोर्ट ने जमानत अर्जी पर सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था । हाई कोर्ट ने फैसले में कहा कि बाहर आने के बाद वाधवानी इस केस से जुड़े किसी भी गवाह को प्रलोभन या धमकी नहीं देंगे । जांच एजेंसी जब भी पूछताछ के लिए बुलाएगी तो जाना होगा । पासपोर्ट भी सरेंडर करना होगा । बगैर अनुमति देश छोड़कर नहीं जाएंगे ।
जस्टिस वीरेन्द्र सिंह की कोर्ट ने जमानत आदेश जारी किए हैं । वाधवानी की ओर से सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने पैरवी की थी । जमानत अर्जी में उल्लेख किया था कि गिरफ्तारी को 50 दिन हो चुके हैं । ट्रायल प्रोग्राम लंबा चलेगा । वैसे भी इस केस से जुड़े दो आरोपियों को पहले ही जमानत मिल चुकी है । जिस जगह विष्णु एसेेंस नामक फैक्ट्री थी उस जमीन का केवल याचिकाकर्ता मालिक है । वह उस फर्म में किसी तरह का पार्टनर नहीं है ।
वहीं डीजीजीआई की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल विक्रमजीत बैनर्जी ने तर्क रखे कि वाधवानी ही इस घोटाले के जिम्मेदार हैं । डीजीजीआई ने अखबार का स्टीकर लगे कई वाहन पकड़े हैं, जिनमें पान मसाला की सप्लाई की जा रही थी । हाई कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था । शुक्रवार को कोर्ट ने सशर्त जमानत के आदेश जारी किए ।
233 करोड़ की टैक्स चोरी के मामले में 16 जून काे मुंबई से वाधवानी हुआ था गिरफ्तार :
पान मसाले के छापों में डीजीजीआई द्वारा चलाए गए ऑपरेशन ‘कर्क’ के तहत वाधवानी को 16 जून को मुंबई की एक होटल से गिरफ्तार किया गया था । मामले में उसके सहयोगी संजय माटा, विजय नायर, अशोक डागा और अमित बोथरा को पुलिस ने पहले गिरफ्तार कर लिया था । आॅपरेशन के तहत पान मसाले के छापों में शुुरुआत में 233 करोड़ की टैक्स चोरी की बात सामने आई थी । मुख्य षड्यंत्रकर्ता किशोर वाधवानी के ठिकानों पर दबिश दी गई तो टैक्स चोरी का आंकड़ा बढ़कर 500 करोड़ के पार पहुंच गया था ।
पाकिस्तान पैसे भेजने की भी बात आई सामने :
कोर्ट में डीजीजीआई ने यह खुलासा किया था कि वाधवानी के पास दुबई का रेसीडेंस वीजा (वहां रहने का कोई कारण हो तो यह वीजा मिलता) है । टैक्स चोरी की राशि दुबई के होटल में लगाई गई । साथ ही पाकिस्तानी नागरिक संजय माटा के भी लिंक है, एेसे में आशंका है कि टैक्स चोरी का पैसा पाकिस्तान भी भेजा गया ।