रायपुर, 27 सितंबर 2021, 18.15 hrs : राजधानी के वरिष्ठ पत्रकार और कलाकार श्री रमेश शर्मा को ” ख़बरगली रत्न सम्मान ” स्व. हर्ष चंदूलाल मजीठिया की स्मृति में 28 सितम्बर को रायपुर प्रेस क्लब में दोपहर 12.30 को दिया जाएगा । सम्मान के रूप में उन्हें 5021 रुपये की सम्मान राशि, शाल, श्रीफल के साथ प्रमाण पत्र दिया जाएगा ।
स्व हर्ष मजीठिया :
“काम करो ऐसा कि पहचान बन जाए, हर कदम ऐसा चलो कि निशान बन जाए, यहाँ ज़िंदगी तो हर कोई काट लेता है, ज़िंदगी जीयो इस कदर की मिसाल बन जाए।”
ये पंक्तियां हर्ष मजीठिया पर इसलिए सही हैं क्योंकि उन्होंने इसे जिया है । हर्ष का जन्म 28 सितम्बर, 1977 में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा रायपुर के राजकुमार कॉलेज और पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविध्यालय से ग्रहण की । हर्ष जलतरंग भी बजाते थे । वे पहले से ही अभ्यास में निपुण थे, उन्होंने 12वी बोर्ड्स में अकाउंट्स में अपने जमाने में सबसे ज़्यादा अंक ला कर एक रिकॉर्ड बनाया था । उनके बेटे यश मजीठिया ने भी राजकुमार कॉलेज के सर्वश्रेष्ठ छात्र के रूप में सम्मान हासिल किया ।
हर्ष ने अपने जीवन में नैतिक मूल्यों की ख़ास जगह बनाकर रखी और उन्ही नैतिक मूल्यों के आधार पर एक आदर्श जीवन जिया ।उन्होंने व्यापार क्षेत्र में बड़ी ही कम उम्र में काफ़ी नाम, इज़्ज़त और goodwill हासिल की । उन्होंने मोतियाबिंद का ऑपरेशन करवा के कई जरूरतमंद की आँखों की रौशनी वापस दिलवायी । 20 अगस्त 2020 को उनका असमय निधन हो गया। वे आज भले ही दैहिक रूप में हमारे साथ मौजूद नहीं है परंतु वे हमारे हृदय में सदा जीवित रहेंगे ।
रमेश शर्मा का परिचय :
75 वर्षीय रमेश शर्मा जी एक बेहद सज्जन और मृदुभाषी के रूप में उनकी लोकप्रियता प्रदेश में उन लोगों के बीच बनी है जो उन्हें जानते थे ।
19 अक्टूबर 1945 को राजधानी के ही राजातालाब में जन्में रमेश जी की यात्रा बेहद दिलचस्प और प्रेरणादायक है। रायपुर और कालीबाड़ी स्कूल से उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा लेते हुए अजीजिया स्कूल अंग्रेजी स्कूल छोटापारा से मैट्रिक किया । छत्तीसगढ़ कॉलेज से बीए और एमए किया और 1969 दुर्गा कॉलेज से पत्रकारिता की डिग्री ली । उन्होंने 1961 में फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर के एजेंट के रूप में पहली नौकरी के बाद जनगणना कार्यालय और कृषि विभाग में काम किया । इसके बाद पूरे 29 साल उन्होंने देशबंधु अखबार में नौकरी की । उन दिनों देशबंधु अखबार का नाम नई दुनिया हुआ करता था। 1967 से 1995 तक वे देशबंधु अखबार में कार्यरत रहते हुए साहित्य विभाग से निकलने वाले सारे अंक के मुख्य पृष्ठ में उनकी कला को हजारों पाठकों ने देखा ।
वे 1995 से 2009 तक दैनिक भास्कर रायपुर में कार्यरत रहे । उन्होंने तहलका, हरिभूमि, महाकौशल, नवभारत में भी अपनी सेवाएं दी । चैनल इंडिया में वे जनरल मैनेजर और लोकमाया अखबार में प्रधान संपादक भी रहे ।
एक श्रेष्ठ कलाकार और अनुवादक के रूप में मीडिया में उनकी पहचान खूब रही । रमेश जी एक बेहतर रंगोली कलाकार के रूप में भी बेहद प्रसिद्ध रहे, दीपावली के दौरान उनकी डाली भव्य और सुंदर रंगोली के देखने लोग दूर- दूर से आते थे ।
पेंसिल आर्ट, वॉटर कलर्स, पोस्टर और ऑइल पेंट, पोट्रेट से लेकर श्री रमेश शर्मा ने कला के सारे अंगो में नैसर्गिक प्रतिभा जन्मजात पाई । श्री रमेश शर्मा की इकलौती संतान देवयानी पूरी की पूरी अपने पिता की परछाई है । अब देवयानी तिवारी हो चुकी उनकी बेटी एक सफल इंटिरियर डिज़ाइनर है।
रमेश शर्मा जी की कलाकारी के कुछ उदाहरण प्रस्तुत हैं