जशपुर में मुख्यमंत्री/विधायक को लाखों कमीशन देने का आरोप लगाने वाले पर्चे फेंकने की शिकायत की पत्रकारों ने

Spread the love

मुख्यमंत्री को 10 लाख और विधायक को 3 लाख देने का आरोप लगाते हुए फेके गए पर्चे, धुसके की दुकान पर हाईप्रोफाइल पर्चा कांड, दूषित और कमजोर मानसिकता के साथ समाजिक सौहार्द बिगाड़ने का हुआ प्रयास, जांच में जुटी पुलिस…

जशपुरनगर से विशबन्धु शर्मा की रिपोर्ट । रविवार सुबह जशपुर के खास स्थल बालासाबह देशपांडे उदयान के सामने धुसके की दुकान के पास पर्चा फेक कर कुछ लोगों ने अपनी दूषित मानसिकता का परिचय दिया ।
इस पर्चे में विशेष विभाग के कुछ खास अधिकारी, कर्मचारी के साथ राज्य के मुख्यमंत्री पर भी गंभीर आरोप लगाए गए हैं । हद यहां तक भी देखने को मिली कि जशपुर के विधायकों को भी भ्रष्ट्राचार में लिप्त बता दिया गया और उनका मासिक कमिशन भी सार्वजनिक करते हुए दर्जनो पर्चे उडाए गए ।
विधायकों की कोई प्रतिक्रिया भले सामने नहीं आई, लेकिन नाम सहयोगी के रूप में नाम जोडे जाने के बाद समाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार मामले में खुलकर सामने आए और सिटी कोतवाली में इसकी लिखित शिकायत करते हुए जांच एंव कड़ी कार्यवाही की मांग की गई है । इस अज्ञात आरोपित ने भले ही अपना नाम गोपनीय रखने का प्रयास किया, लेकिन जिस प्रकार के शब्दों का प्रयोग पर्चे में किया गया है, उससे कुछ लोगों के नाम सहसा जुबां पर सभी के आने लगे कि इस पर्चा कांड का मास्टर माइंड आखिर कौन हो सकता है । शब्दों के प्रयोग के साथ कम्पयूटर टाइपिंग में हुई गलती को अपने हेडराइटिंग से सुधारने का प्रयास भी कई संकेत दे गया । वहीं पर्चे को वायरल कराने के लिए जिन लोगों के द्वारा जददोजहद की गई, उसे लेकर भी पुलिस गंभीर है और कार्यवाही हो सकती है क्योंकि यह मामला अब हाईप्रोफाईल हो गया है।

 

 

 

 

 

 

 

क्या है पर्चे में
पर्चे में एक अधिकारी को भ्रष्ट बताने के प्रयास में पर्चा तैयार करने वाले इस बात की भी परवाह नहीं की है कि उसने क्या कर दिया है । पर्चे में मुख्यमंत्री को जशपुर के एक व्यक्ति मात्र से 10 लाख तक लेने की बात कही गई है । वहीं विधायक विनय भगत को तीन लाख देने व मासिक 25 हजार बतौर हप्ता के रूप में दिए जाने की बात कही गई है । वहीं कांग्रेसी नेता अजय गुप्ता को तबादला एक्सप्रेस बताया गया है ।

राजनीति व प्रशासनिक क्षेत्र से अलग विशुद्ध समाज सेवा करने वाले जनजातियों के हितरक्षक अधिवक्ता एंव समाजिक कार्यकर्ता राम प्रकाश पांडे के द्वारा पर्यावरण को लेकर कार्य करने पर व आदिवासियों के हित में कार्य करने पर आपत्ति जताई गई है, जो आदिवासी वर्ग पर भी एक हमला है । सवाल यह उठता है कि यदि रामप्रकाश पांडे आदिवासी वर्ग के हित में अपनी सारी ताकत झोंक कर कार्य कर रहे है तो इससे किसी को क्या आपत्ति हो सकती है । निश्चित रूप से रामप्रकाश् पांड के कार्यों से उन लोगों को तकलीफ हुई है, जो रामप्रकाश पांडे के हस्तक्षेप के कारण पहले के जैसे आदिवासी वर्ग का शोषण नहीं कर पा रहे हैं और रामप्रकाश पांडे के कारण कई अवैध कार्यों पर लगाम लगे हैं । वहीं विधायक के भाई संजीव भगत के उपर भ्रष्ट्राचार को सहयोग करने का आरोप लगाया गया है । पत्रकार रविंद्र थवाईत, राजू थवाइत के साथ वरिष्ट पत्रकार विश्व बंधु शर्मा के नाम का भी उल्लेख किया गया है जो बेबाकी से हर भ्रष्ट्राचार और समाजिक सरोकार के विषयों को सामने लाने के लिए जाने जाते रहे हैं । ऐसी बात नहीं कि पर्चा फेकने वालों ने सिर्फ कांग्रेस व समाजिक कार्यकर्ता तथा पत्रकारों को निशाना बनाया, बल्कि पूर्व सत्ता में रहे दिग्गज नेता कृष्ण कुमार राय, नरेश नंदे, शंकर गुप्ता, रामप्रताप सिंह के नाम का भी उल्लेख किया गया है ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *