रायपुर, 2 मार्च 2020, 21.50 Hrs : छत्तीसगढ़ में 27 फरवरी से चल रहे आर्थिक सर्वे की जानकारी एक विज्ञप्ति के माध्यम से दी गई । विभाग ने किसी अधिकारी, व्यवसायी एवं राजनीतिज्ञ के संबंध में कोई स्पष्ट जानकारी दे रहे हैं ।
* जारी विज्ञप्ति में भी कुछ भी नहीं किया खुलासा
* बाकी राज्यों में तत्काल खुलासा, तो छत्तीसगढ़ में क्यों नहीं ?
इंकम टैक्स कमिश्नर सुरभि अहलुवालिया द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि ग्रुप ऑफ इंडिविजुअल्स, हवाला कारोबारी, व्यवसायियों, शराब कारोबारी, खनिज कार्यों से जुड़े व्यापारी तथा अन्य प्रकरणों से जुड़कर धनराशि अर्जित करने वालों के घर छापे मारे गए । कुल 150 करोड़ रुपयों की अघोषित संपत्ति की जानकारी दी गई । किंतु यह राशि किस व्यक्ति या एजेन्सी की है, इसका उल्लेख नहीं किया गया है ।
समाचार लिखे जाने तक सीएम की उपसचिव सौम्या चौरसिया के घर की तलाशी ली जा रही है किंतु अभी तक किसी भी तरह के दस्तावेज एवं अघोषित संपत्ति मिलने की जानकारी नहीं है । किंतु इसी इंकम टैक्स द्वारा म.प्र. के भोपाल और इंदौर में, तमिलनाडू एवं आंध्र-तेलंगाना में लगभग 1000 करोड़ की हेराफेरी और घपले की अघोषित सम्पत्ति पकड़ी गई थी । किन्तु छत्तीसगढ़ में चार दिनों बाद भी विभाग, स्पष्ट तौर पर कुछ भी खुलासा करने की स्थिति में नहीं है ।
छत्तीसगढ़ में इन्कम टैक्स द्वारा मारे गए रेड से प्रदेश में तहलका मचा हुआ था । पर 4 दिनों की कवायद के बाद, इतने लावलश्कर के साथ और सरकारी पैसों के इतने अपव्यय के बाद भी, जब छत्तीसगढ़ के प्रमुख शहरों से अब तक 150 करोड़ की अघोषित सम्पत्ति ही निकली, यह बोलना आईटी विभाग को संदेह के घेरे में लाता है । क्या IT विभाग को, छापे के पूर्व मिली जानकारी, point या खोज में कोई लोचा था । या ये सिर्फ राजनीतिज्ञों, कोरोबारियों, अधिकारियों को घेरने और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने की साजिश है ।