रायपुर, 23 सितंबर 2020, 20.10 hrs : भाजपा विधायक व पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश में कोविड-19 के टेस्ट कुछ दिनो से आधे हो गए है इस कारण पाॅजेटिव केस की संख्या में कमी आई है । पर कोरोना पीड़ितों की संख्या तो लगातार बढ़ रही है ।
उन्होंने कहा कि पहले जहाँ 20 हजार से ऊपर लोगो के प्रतिदिन टेस्ट हो रहे थे वे सिमटकर 12 हजार के आस-पास हो रहे है । पिछले 3-4 दिनों से कोरोना के रफ्तार में लगे ब्रेक को परिस्थिति जन्य बताते हुए बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश में चल रहे संविदा स्वास्थ्य कर्मियों के हड़ताल व लाॅकडाउन के कारण लोगो का टेस्ट नही हो पा रहा है जो गंभीर स्थिति की ओर ध्यान इंकित कर रहा है । क्योंकि बिना टेस्ट के जो पाॅजेटिव लोग है वे अपने परिवार व आस-पास के लोगो को तेजी से प्रभावित कर रहे है और यही रायपुर सहित छत्तीसगढ़ में कोरोना के विस्फोटक स्थिति का प्रमुख कारणों में से एक है । सरकार के पास कोरोना से लड़ने कोई योजना ही नही है । लॉक डाउन के एक दिन पहले जो बाजारों में मेले से भी भयानक भीड़, सोशल डिस्टेसिग व मास्क के बगैर खुलेआम इकठ्ठा थे उसके भी दुष्प्रभाव आने वाले दिनों में देखने को मिलेंगे ।
विधायक अग्रवाल ने कहा कि कोरोना के भयावह स्थिति के बीच संविदा कर्मचारियों को हड़ताल शासन व प्रशासन के लापरवाही को ही प्रदर्शित करता है । हड़ताली कर्मचारियों को बुलाकर सरकार को बात करने व बीच का कोई रास्ता निकालने के बजाय सरकार हठधर्मिता पर उतर आई है । नियमितीकरण के मामले में कांग्रेस का दोहरा चरित्र उजागर हो रहा है । कांग्रेस ने ही अपने घोषणा पत्र में कहा था कि हम संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण करेंगे, और इनके वोट भी बटोरेगें , पर अब उन्हें नियमितीकरण करेंगे ।
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि यह दुर्भाग्यजनक स्थिति है कि छत्तीसगढ़ सरकार स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना से लड़ने के लिए साधन एवं सुविधा उपलब्ध नही करा पा रही है । अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में पी.पी.ई कीट, ग्लव्स, सेनेटाईजर उपलब्ध नही है । अनेक जगहो पर स्वास्थ्य कर्मियों को यह सब चीजें री-यूज करनी पड़ रही है, यह भयावह स्थिति है । स्वास्थ्य कर्मी व डाॅक्टरों के जीवन से खिलवाड़ करने का सरकार को कोई अधिकार नही है ।
छत्तीसगढ़ सरकार के पास कोरोना से लड़ने के लिए पर्याप्त धन होने के बाद भी सरकार स्वास्थ्य कर्मियों को डाॅक्टरों को कोरोना वारियर्स को साधन एवं सुविधा क्यों उपलब्ध नही करा पा रही है यह समक्ष से परे है । उन्होंने कहा कि कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों का हड़ताल में जाना, अस्पताल के कर्मचारियों का प्रदर्शन करना, सरकार के अकर्मण्यता को दिखलाता है । स्वास्थ्य मंत्री व मुख्यमंत्री को इन कर्मचारियों को बुलाकर बात कर इनकी समस्या का हल निकाल कर स्वास्थ्य विभाग को लाईन में लाना चाहिए । सरकार व कर्मचारियों में संवाद की स्थिति नही होने के कारण यह स्थिति पैदा हुई है ।
बृजमोहन अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ में टेस्ट की संख्या कम होने, रिकवरी दर कम होने, प्रभावित मरीजो की संख्या में भारी वृद्धि व मौतो के आंकड़ो में वृद्धि पर चिंता जताई है । 5 माह का भरपूर समय मिलने के बाद भी न तो नए हाॅस्पिटल बने न बेड व आक्सीजन और न ही वेंटिलेटर की मांग अनुसार व्यवस्था की गई है ।