महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए राज्यपाल ने राष्ट्रपति से सिफारिश की । शिवसेना पहुँची सुप्रीम कोर्ट । जारी है अपडेट

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महाराष्ट्र में राजनीतिक अपडेट – नतीजों के 18 दिन बाद भी सरकार बनती नहीं दिख रही है । एनसीपी ने राज्यपाल से सरकार बनाने समय मांगा तो राज्यपाल ने समय नही देते हुए अब अंतिम निर्णय लिया और राष्ट्रपति को राष्ट्रपति शासन लगाने की रिपोर्ट भेजी ।

शिवसेना की अबतक की उठापटक और कार्यवाही ने साबित कर दिया है कि शिवसेना अभी राजनीति में परिपक्व नहीं है । इस बीच शिवसेना को राज्यपाल द्वारा समय नही दिये जाने के कारण अब शिवसेना सुप्रीम कोर्ट चली गई और तुरन्त सुनवाई की मांग की । उनकी शिकायत है कि बीजेपी को राज्यपाल ने 48 घण्टे का समय दिया था पर उन्हें क्यो नहीं ?

इधर, काँग्रेस का तर्क है कि शिवसेना के साथ जाने से काँग्रेस की धर्मनिरपेक्ष छवि को नुकसान पहुंच सकता है । केरल काँग्रेस को शिवसेना से गठबंधन पर एतराज है । शिवसेना का पूर्व में सोनिया गांधी पर जातीय हमले करती रही है । काँग्रेस चाहती तो है कि वो सरकार में शामिल हो पर सरकार एनसीपी की हो, ना की शिवसेना की

अबतक महाराष्ट्र में, 2 बार राष्ट्रपति शासन लागू हुआ है । पहला 17 फरवरी से जून 1980 और दूसरा 28 सितंबर से 31 अक्टूबर 2014 में । अब देखना होगा कि 12 नवम्बर, 2019 में महाराष्ट्र की राजनीति किस करवट बैठती है ।

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