नई दिल्ली, 04 मार्च 2021, 10.45 hrs : देश के लाखों कर्मचारियों को गुरुवार को बड़ी खुशखबरी मिल सकती है । दरअसल देश के 6.6 करोड़ नौकरीपेशा लोगों के लिए कल गुरुवार को होने वाली बैठक में एक फैसला लिया जा सकता है ।
मिली जानकारी के मुताबिक गुरुवार, 4 मार्च 2021 को सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी की अहम बैठक होने वाली है। इस बैठक में कर्मचारियों के PF को लेकर कुछ महत्वपूर्ण फैसले लिए जाने हैं । पीएफ कॉन्ट्रिब्यूशन के लिए फिलहाल बेसिक सैलरी की जो सीलिंग है, उसमें बढ़ोतरी की जा सकती है। फिलहाल सीलिंग 15000 रुपए है ।
ऐसे समझे पूरा मामला :
आसान भाषा में यदि इसे समझा जाए तो ऐसे देखा जा सकता है । मान लीजिए किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 30000 रुपए है तो उस सैलरी पर उसका 12 फीसदी हिस्सा प्रोविडेंट फंड में जमा होता है । साथ ही इतना ही शेयर कंपनी भी अपने खाते से जमा करती है । लेकिन कंपनी के शेयर में दो हिस्से होते हैं। पहला होता है EPF और दूसरा होता है EPS। कंपनी के शेयर का 12 फीसदी हिस्सा भी 30000 रुपए की बेसिक सैलरी पर ही जमा होगा ।
पेंशन फंड में बेसिक सैलरी की सीलिंग 15,000 रुपए है। इस सीलिंग के कारण कर्मचारी के मूल वेतन 15,000 का 8.33 फीसदी हिस्सा यानि 1,250 रुपए ही जमा होता है । यदि गुरुवार को होने वाली बैठक में सीलिंग बढ़ाने पर फैसला किया जाता है तो फिर ये हिस्सा 25,000 रुपए की सीमा पर तय होगा । इसका मतलब ये होगा कि 2083 रुपए पेंशन फंड में जमा होंगे ।
EPFO के इस फैसले से लाखों नौकरीपेशा लोगों का फायदा मिल सकता है । दरअसल पहले की तुलना में ज्यादा लोग इसके दायरे में आ जाएंगे और दूसरा यह कि कंपनी का शेयर बढ़ेगा तो कर्मचारियों के पेंशन फंड में भी बढ़ोतरी होगी । इसके अलावा यह भी बता दें कि 4 मार्च को होने वाली मीटिंग में फिलहाल EPFO ब्याज दरों पर कोई भी फैसला नहीं लिया जाएगा । ईपीएफओ ने जहां भी निवेश किया है, उससे मिलने वाले रिटर्न की समीक्षा होने के बाद ही तय हो सकेगा कि चालू वित्तीय वर्ष के लिए कितना ब्याज दिया जाएगा ।
ईपीएफओ इस लिए बढ़ा रहा है सीलिंग :
सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी के सदस्य PF की सैलरी सीलिंग इसलिए बढ़ाना चाहते हैं क्योंकि देशभर में जो यूनिवर्सल मिनिमम वेज का फॉर्मूला लागू किया जा रहा है, उसमें कर्मचारी की सैलरी 18 हजार रुपए के करीब निर्धारित की जा सकती है । इसके अलावा मौजूदा सैलरी सीलिंग में भी बढ़ोतरी की मांग लंबे समय से की जा रही है, ताकि ज्यादा से ज्यादा कर्मचारियों को को EPFO में लाने में मदद मिलेगी । इससे कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा बढ़ेगी ।