दरअसल दिवाली के दिन विकास ने पापा से पैसे लेकर अपने बिजनेस में इन्वेस्ट किया था । उसको बिज़नेस में बहुत नुकसान हो गया । विकास को अपने बिजनेस के लिए और पैसे की जरूरत थी, जिसके लिए पिता गोविंद अग्रवाल तैयार नहीं थे । इसी कारण दोनों के बीच विवाद चल रहा था । पैसे बेटे को देने ना पड़े इसलिए गोविंद अग्रवाल ने पैसे को फिक्स कर दिया था, जिसके बाद विवाद और बढ़ गया ।
दिपावली के दिन, दोनों के बीच खूब विवाद हुआ, जिसके बाद विकास अपने दुकान में चला गया और फिर गोदाम में जाकर फांसी लगा ली । काफी देर तक जब वो घर नहीं लौटा तो परिजनों ने जाकर गोदाम में देखा, जहां वो फंदे में लटके मिला । परिजन उसे अस्पताल लेकर गये, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया । बेटे की मौत के बाद गोविंद अपनी पत्नी को ये कहकर बाहर चले गये कि वो कुछ काम से लौटकर आते हैं । काफी देर बाद वो भी नहीं लौटे बाद में स्थानीय लोगों को उनकी खुदकुशी की सूचना परिजनों को मिली कि गोविंद अग्रवाल ने गौरी नगर रेलवे फाटक के पास ट्रेन से कटकर जान दे दी ।