नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा चुनाव के ऐलान के साथ ही बिहार के राजनीतिक दलों के बीच राष्ट्रीय राजधानी में दमखम दिखाने की होड़-सी लग गई है ।
जनता दल (यूनाइटेड) ने पहले ही दिल्ली के चुनावी मैदान में उतरने की घोषणा कर दी है । अब राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) भी अपना वजूद टटोलने के लिए दिल्ली में सक्रिय हो गया है । आरजेडी ने 12 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार रही है ।
आरजेडी प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा, ‘पार्टी नेतृत्व की तरफ से इस बात की हरी झंडी मिल गई है कि दिल्ली का विधानसभा चुनाव लड़ा जाएन। फिलहाल पार्टी ने 12 सीटों पर चुनाव लड़ने का मन बनाया है ।’
झारखंड में बेहतर तालमेल के जरिए बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने के बाद उत्साहित आरजेडी को दिल्ली में भी गठबंधन की उम्मीद है । आरजेडी यहां कांग्रेस के साथ गठबंधन करना चाहती है, लेकिन कांग्रेस की ओर से अभी साफ नहीं किया गया है कि वह आरजेडी को कितनी सीटें देगी । हालांकि आरजेडी को उम्मीद है कि उसे कम से कम 10 से 12 सीटें मिल जाएंगी ।
मनोज झा के मुताबिक दोनों दलों के बीच 11 जनवरी को बैठक होगी और इसके बाद ही आरजेडी अपने पत्ते खोलेगी । ज्ञात हो कि झारखंड चुनाव में आरजेडी को गठबंधन में सात सीटें मिली थीं, जिनमें उसे एक पर जीत मिली । आरजेडी ने 2015 में दिल्ली विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ा था ।
सोचा जाए तो दिल्ली जैसी देश की राजधानी वाली विधानसभा चुनाव में बीजेपी को रोकने के लिए सभी विपक्षी दलों को एक रणनीति के तहत गहराई से चिंतन कर अपने प्रत्याशी मैदान में उतारने होंगे । अभी तक चुनावी आकलनों के अनुसार तो APP ही सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभर रही है । पर विपक्ष की खींचातानी से कहीं समीकरण नजे बदल जाये यह बहुत बड़ी बात होगी ।
ज्ञात हो कि पिछले 2015 के चुनाव में जहाँ APP को 70 seats में से 67 seats मिली थीं वहीं बीजेपी ने मात्र 3 seats हासिल की थीं । किंतु देश की सबसे बड़ी पार्टी काँग्रेस के साथ साथ अन्य दल भी अपना खाता तक नहीं खोल पाये थे ।