क्रिकेट के लिए पूरा जीवन समर्पित कर दिया करने वाले, बूढ़ापारा निवासी चिंतामणि पद्मवार को लोग प्यार से पोटू पुकारते थे । पिछले कुछ साल से वे पैरालिसिस अटैक के बाद घर में ही रह रहे थे, लेकिन उनकी जीवटता इतनी थी कि वे फिर से मैदान में उतरने की इच्छा रखते थे । इसलिए परिवार के सदस्यों के साथ फिजियोथैरेफी के सहारे सेहत में कुछ सुधार भी कर लिए थे ।
क्रिकेट के उत्साही समर्पित युवाओं को उन्होने अपने एकेडमी के माध्यम से तैयार करते थे । उनके द्वारा सिखाए क्रिकेट खिलाड़ी प्रदेश और देश का नाम रौशन कर रहे हैं । उनके निधन की खबर से क्रिकेट बिरादरी ही नहीं बल्कि पूरा शहर स्तब्ध हैं । पारिवारिक सदस्यों से मिली जानकारी के अनुसार कल रात में उनकी तबियत फिर से बिगड़ी थी तब मेकाहारा से एम्स और नवा रायपुर के हास्पिटल ले गए थे लेकिन उन्हे बचाया नहीं जा सका । गुरुवार दोपहर महादेव घाट में उनका अंतिम संस्कार किया गया ।