चेन्नई, 29 नवंबर 2020, 23.50 hrs : कोविडशील्ड वैक्सीन के चेन्नई में हुए ट्रायल में हिस्सा लेने वाले एक व्यक्ति ने खुराक लेने से गंभीर साइड इफेक्ट होने की जानकारी दी है ।
सावधान, कोई भी वैक्सीन बिना किसी ठोस तहकीकात के उपयोग में ना लें । यह जानलेवा या शरीरिक हानि भी हो सकती है । जानकारी मिली है कि कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन बनने में अभी कम से कम दो-तीन साल लग सकरे हैं ।
40 वर्षीय इस व्यक्ति ने बताया कि वैक्सीन की खुराक लेने के बाद गंभीर साइड इफेक्ट दिखे हैं, जिसमें वर्चुअल न्यूरोलॉजिकल ब्रेकडाउन जैसी समस्या भी शामिल है ।
उल्लेखनीय है कि इस वैक्सीन को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने तैयार किया है । व्यक्ति ने सीरम इंस्टीट्यूट और अन्य को भेजे गए कानूनी नोटिस में मुआवजे से साथ ट्रायल पर रोक लगाने की मांग करते हुए आरोप लगाया है कि संभावित वैक्सीन सुरक्षित नहीं है । उसने वैक्सीन की जांच, उत्पादन और वितरण को रद्द करने की मांग भी की है । पीड़ित व्यक्ति ने 5 करोड़ रुपये के मुआवजा मांगा है ।
इस वैक्सीन का भारत में ट्रायल पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया करवा रही है । सीरम इंस्टीट्यूट के साथ यह नोटिस आईसीएमआर और श्री रामचंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ हायर एजुकेशन रिसर्च को भी भेजा गया है। व्यक्ति द्वारा आरोप लगाया कि टीका लगवाने के बाद उसे तीव्र मस्तिष्क विकृति, मस्तिष्क को प्रभावित करने वाली क्षति अथवा रोग का सामना करना पड़ा है और सभी जांचों से पुष्टि हुई है कि उसकी सेहत को टीका परीक्षण से नुकसान हुआ है । इस व्यक्ति को एक अक्तूबर को टीका लगाया गया था ।
व्यक्ति ने आरोप लगाया है कि वैक्सीन की खुराक लेने के बाद उसे दिमाग को प्रभावित करने वाली समस्या एक्यूट एंसेफेलोपैथी का सामना करना पड़ा । व्यक्ति का कहना है कि सभी जांचों से यह साफ हो गया है कि उसके स्वास्थ्य में आई समस्याओं का कारण वैक्सीन ही है । नोटिस में कहा गया है कि वैक्सीन लेने के बाद व्यक्ति ट्रॉमा में चला गया, जिससे साफ होता है कि वैक्सीन सुरक्षित नहीं है और सभी हिस्सेदार उन प्रभावों को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं जो उक्त व्यक्ति पर दिखे हैं ।
बीते दिनों भी इस वैक्सीन के ट्रायल में एक गलती का पता चला था । वैसे, यह गलती एक तरह से बेहतर ही साबित हुई थी । दरअसल, ट्रायल में जिन लोगों को वैक्सीन की कम खुराक दी गई थी, उन पर 90 फीसदी असर हुआ था, जबकि जिन्हें दो पूरी खुराक दी गई, उनमें वैक्सीन 62 फीसदी ही प्रभावी पाई गई थी । इसके बाद पूर्व में वैक्सीन की प्रभाविता के बारे में किए गए दावों पर भी सवाल उठे थे । एस्ट्राजेनेका ने बीते बुधवार को एक बयान में इसकी जानकारी दी थी ।