कलेक्टर ने BMO को थमाया नोटिस, कोरोना रिपोर्ट आने से पहले हैदराबाद से लौटी युवती की मौत, परिजनों ने किया अंतिम संस्कार

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बालोद, 25 मई 2020, 13.40 hrs : बालोद कलेक्टर ने कोविड-19 महामारी के शव परीक्षण में दिए गए दिशा-निर्देश का पालन नहीं करने पर बीएमओ को नोटिस जारी करते हुए दो दिन में जवाब मांगा है ।

हैदराबाद से 18 मई को लौटी युवती की 24 मई को मौत हो गई । इस मामले का अहम पहलू यह है कि युवती की कोविड-19 की जांच रिपोर्ट नहीं आई थी, इसके बाद भी घर वालों ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया ।

इस पर कलेक्टर रानू साहू ने कोविड-19 महामारी के शव परीक्षण में दिए गए दिशा-निर्देश का पालन नहीं करने पर खंड चिकित्सा अधिकारी को नोटिस जारी करते हुए दो दिन में जवाब मांगा है ।

मामले के अनुसार, युवती अनूपा पिता मघन अपनी सहेली के साथ हैदराबाद से लौटी थी । दोनों को डौंडी विकासखंड के ग्राम पचेड़ा में क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया था । 19 मई को सुबह अनूपा की तबीयत बिगडऩे पर जिला अस्पताल बालोद में भर्ती कराया गया । तबीयत ज्यादा बिगडऩे पर 20 मई को मेडिकल कॉलेज, राजनांदगांव रेफर कर दिया गया ।

राजनांदगांव से 24 मई को सुबह 6.30 बजे हायर सेंटर रायपुर रेफर किया गया । रायपुर ले जाते समय रास्ते में युवती की मौत हो गई । परिजनों ने शव को सीधे ग्राम ले जाकर उसका अंतिम संस्कार करा दिया ।

इस पर कलेक्टर ने अपने नोटिस में कहा कि संचालनालय चिकित्सा शिक्षा के अनुसार कोविड-19 महामारी के चलते शव परीक्षण के संबंध में स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए हैं । इस मामले में इसका पालन नहीं किया गया । उन्होंने बीएमओ से पूछा कि किन परिस्थितियों में बिना रिजल्ट आए शव का अंतिम संस्कार किया गया । प्रोटोकॉल का पालन क्यों नहीं किया गया ।

19 मई को युवती की तबीयत बिगडऩे पर सुबह 9.30 बजे जिला अस्पताल बालोद रेफर किया गया । 19 मई को ही जिला अस्पताल बालोद में आरटीपीसीआर किया गया, जिसकी रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है । 20 मई को उसे मेडिकल कॉलेज राजनांदगांव रेफर कर दिया गया जहां उसका इलाज 24 मई तक चला । 24 मई को उसे 6.30 बजे हायर सेंटर रायपुर रेफर किया गया था ।

इधर खंड चिकित्सा अधिकारी डौंडी ने पंचनामा रिपोर्ट में बताया कि 24 मई को युवती की मौत की सूचना मिली । खंड चिकित्सा अधिकारी और उनकी टीम ने ग्राम पचेड़ा में जाकर घर वालों से पूछताछ की । उन्होंने बताया कि युवती की तबीयत जनवरी से खराब था जिसका इलाज प्राइवेट डॉक्टर से करा रहे थे । ठीक होने पर, 20 फरवरी के बाद हैदराबाद काम करने चली गई थी जहां वो एक मॉल में काम करती थी । 18 मई को युवती और उसकी सहेली दोनों रात आठ बजे पचेड़ा पहुंचे । दोनों को आंगनबाड़ी में क्वारंटाइन में रखा गया था ।

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