रायपुर, 27 अक्टूबर 2020, 21.05 hrs : आज छत्तीसगढ़ विधानसभा की विशेष सत्र में राज्य के नए कृषि कानून को लेकर सदन में चर्चा हुई । सदन में विपक्ष ने राज्य के कृषि विधेयक में बदलाव के लिए संशोधन और समय की मांग की है ।
विपक्ष द्वारा कृषि कानून पर जताई गई आपत्ति पर वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि यह कानून केंद्र की कृषि कानून के खिलाफ नहीं हैं ।
राज्य के नए कृषि कानून की पैरवी करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि हम केंद्रीय कानून से को छू भी नहीं रहे हैं । उन्होंने कहा कि चुनावों के कारण भाजपा ने बोनस दिया था । रमन ने किसानों से किए वादों को पूरा नहीं किया । मुख्यमंत्री बघेल ने राज्य हित के लिए रमन सिंह से अपील की है कि वे केंद्र से बात करें । उनके मुताबिक केंद्र के कानून से जमाखोरी बढ़ रही है । मुख्यमंत्री ने धान खरीदी का कोटा बढ़ाने को लेकर भी केंद्र पर हमला बोला । वहीं इथेनॉल प्लांट अनुमति के लिए केंद्र का धन्यवाद भी किया ।
सदन में जारी कृषि उपज मंडी संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि इस कानून पर पूरे देश की निगाहें है । छत्तीसगढ़ के किसानों की मदद के लिए हम कानून बना रहे हैं । हमने मंडी का संशोधन विधेयक पेश किया है । हमने 7 बिंदुओं पर संशोधन किया है । हम किसानों को वाजिब कीमत दिलाना चाहते है । छत्तीसगढ़ के किसानों को इसका सीधा लाभ मिलेगा । मंडी कानून में आवश्यक संशोधन किया है । बड़ी कंपनियों को रोकने के लिए संशोधन को लाया गया है । किसानों के साथ किसी तरह का फ्राड ना हो सके ऐसा हमारा नया कृषि कानून है ।
हम 7 संशोधन लाए हैं । डीम्ड मंडी को हमने इस कानून में परिभाषित किया है । खंड तीन में हुए संशोधन में हमने यह कहा है कि निजी मंडियों को डीम्ड मंडी घोषित किया जाएगा । बाहर से आने वाले अनाज को लेकर नए कानून में प्रावधान है । राज्य सरकार के अधिसूचित अधिकारी को मंडी की जांच का अधिकार दिया गया है । निरीक्षण में जब्ती का अधिकार दिया गया है । अधिकारियों को भंडारण की तलाशी का अधिकार होगा । वाद दायर करने का अधिकार मंडी समिति और अधिकारियों को होगा । धारा 49 में न्यायालय के अधिकार को परिभाषित किया गया है ।