बिलासपुर, 13 सितंबर 2021, 11.15 hrs : उत्सवों के दौरान बजने वाले तेज वाद्य यंत्र से ढाई साल के बच्चे अमान अंसारी की मौत हो गई । अप्लास्टिक एनीमिया से पीड़ित इस बालक को ट्रांस्पलांट के लिये चार दिनों बाद बेंगलूरु ले जाने की तैयारी थी ।
महाराणा प्रताप चौक में रहने वाले अलीम अंसारी के ढाई साल का शिशु अमान जन्म के 6 माह के बाद से ही अप्लास्टिक एनीमिया की बीमारी से जूझ रहा था । बेंगलूरु, रायपुर, बिलासपुर के डॉक्टरों की देख-रेख में पिता अलीम आश्वस्त थे कि उसे नया जीवन मिल जायेगा ।
30 अगस्त को रात 10.30 बजे अमान ने घर में धमाचौकड़ी गई जिसका वीडियो भी परिवार के लोगों ने तैयार किया । अमान इसके बाद सो गया । रात करीब 1.30 बजे घर के सामने से नाचते युवकों की टोली निकली । तेज आवाज डीजे से अमान की नींद खुल गई और वह उठकर बैठ गया, हांफने लगा ।
अलीम भीड़ को जाकर खुद मना करने का खतरा नहीं मोल लेना चाहते थे । उन्होंने 112 नंबर पर फोन कर मदद मांगी और पुलिस कंट्रोल रूम को भी सूचना दी । 10 मिनट बाद पुलिस पहुंची और उसने डीजे बंद कराया पर तब तक अमान बेहोश हो चुका था । रात में ही उसे अपोलो हॉस्पिटल ले जाया गया, लेकिन कुछ घंटे के भीतर उसने दम तोड़ दिया ।
माना जा रहा है कि तेज कोलाहल के चलते किसी नन्हें बालक की मौत की यह पहली घटना है पर प्रशासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया ।
पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार झा ने इस मामले पर बताया कि हमारे पास कोई शिकायत नहीं आई । झा ने कहा कि त्यौहारों के चलते कोलाहल नियंत्रण संबंधी कानून का उल्लंघन होने की शिकायतें पुलिस को अधिक मिलती हैं, जिन पर कार्रवाई भी की जाती है ।
पुलिस अधीक्षक का यह कहना सही नहीं है कि अमान अंसारी के मामले में कोई शिकायत नहीं हुई थी । उनके पिता अलीम अंसारी ने स्वयं बताया है कि उन्होंने कंट्रोल रूम और आपातकालीन नंबर 112 में फोन किया था, जिसके बाद पुलिस वहां पहुंची भी थी ।
छत्तीसगढ़ में कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 लागू है । यह मध्यप्रदेश से लिया गया है । इस अधिनियम की धारा 15 (1) के अंतर्गत दोषी पाये जाने पर 6 वर्ष तक के कारावास तथा 1000 रुपये का जुर्माना लगाने का प्रावधान है । यह धारा जमानतीय है, थाने से ही आरोपी को छोड़ा जा सकता है ।
सिविल लाइन पुलिस ने बताया कि 30 अगस्त के मामले में ध्वनि विस्तारक यंत्र को बंद कराया गया है और जुलूस में शामिल लोगों को चेतावनी दी गई । इसमें किसी पर अपराध दर्ज नहीं किया गया है । पुलिस ने यह भी बताया कि इस अधिनियम के अंतर्गत हाल के दिनों में कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गई है ।
राज्य मानसिक चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ. बीआर नंदा ने कहा कि अप्लास्टिक एनीमिया से पीड़ित बालक ही नहीं सामान्य रूप से स्वस्थ बच्चों और बुजुर्गों में भी तेज ध्वनि का दुष्प्रभाव पड़ता है और हृदय गति रुक सकती है । ऐसे मामलों को गंभीरता से लेने की जरूरत है ।
अपोलो हॉस्पिटल के डॉ. सुशील कुमार जिन्होंने आखिरी बार अमान का चेकअप किया, का कहना है कि ध्वनि के कारण ही ह्रदय गति रुकी है ऐसा नहीं कह सकते लेकिन परिवार के लोगों ने बताया है कि वह बेहोशी की हालत में तब पहुंचा, जब डीजे की आवाज तेज थी ।
अप्लास्टिक एनीमिया बहुत कम लोगों में पाया जाने वाला रोग है। रीढ़ की हड्डी में उपस्थित मज्जा पूरे शरीर में रक्त प्रवाह के लिये काम आता है । प्लेटलेट काउंट आम तौर 1.5 से 2 लाख होना चाहिये । इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति में यह घटकर 5000 तक आ जाता है । देश के बहुत कम अस्पतालों में इसका उपचार हो पाता है । मज्जा का कुछ हिस्सा दूसरे किसी स्वस्थ व्यक्ति से लिया जाता है और बीमार व्यक्ति के शरीर पर प्रत्यारोपित किया जाता है । प्रत्यारोपित मज्जा के विकसित होने के बाद खून का बनना प्रारंभ होता है ।