दिल्ली, 2nd फरवरी 2020, 20.15 hrs : NGO के 1000 करोड़ के घोटाले में छत्तीसगढ़ की केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह की बढ़ी मुश्किलें । मामले में CBI ने केंद्र की लीगल सेल से राय मांगी है ।
ज्ञात हो कि इस मामले को vpost. com ने 30 जनवरी के अपने पोस्ट में उजागर किया था । एक याचिका में आरोप लगाया गया था कि बीते दस सालों में इस संस्थान के माध्यम से (1000) एक हज़ार करोड़ का घोटाला किया गया ।
इस मामले में केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह सहित 12 अफसरों पर हो सकती है FIR । घोटाले में हाई कोर्ट ने CBI को दिये हैं FIR के आदेश जिसमें मंत्री रेणुका सिंह पर राय ली जा रही है ।
मामला समाज कल्याण विभाग से जूड़ा हुआ है, जिसमें याचिकाकर्ता कुंदन सिंह ठाकुर की ओर से यह आरोप लगाया गया था कि, राज्य स्त्रोत निःशक्त जन संस्थान काग़ज़ों में बनाई गई, इसमें याचिकाकर्ता एवं अन्य को कर्मचारी बताकर वेतन आहरित किया जाता था और पूरा सेटअप चलाया जाता था । इस जन संस्थान के माध्यम से निःशक्त जनों को प्रशिक्षण दिया जाना और उन्हें बेहतर जीवन उपलब्ध कराए जाने की क़वायद की जाती थी । लेकिन यह सब कुछ काग़ज़ों में था । याचिका में आरोप लगाया गया कि बीते दस सालों में इस संस्थान के माध्यम से एक हज़ार करोड़ का घोटाला किया गया ।
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने तीन माह पूर्व सुरक्षित रखे आदेश जारी करते हुए, भ्रष्टाचार के एक मसले पर दायर जन हित याचिका पर सुरक्षित रखे गए निर्णय को आज सार्वजनिक किया। इस इस मामले पर 24 अक्टूबर 2019 को न्यायालय ने निर्णय सुरक्षित रख लिया था जिसे आज गांधी जी के पुण्यतिथि के अवसर पर जारी किया गया । एक हज़ार करोड़ घोटाले को सही मानते हुए मामले में आदेश दिया है कि – “CBI एक सप्ताह के भीतर FIR दर्ज करे.. पंद्रह दिनों में विभाग से दस्तावेज जप्त करें” ।