विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने शनिवार को यह जानकारी दी है । उन्होंने कहा कि सदन की कार्यवाही में अब हर साल 58 पेड़ बचेंगे । और पर्यावरण में करीब 10 टन कॉर्बनडाइ ऑक्साइड का उत्सर्जन भी कम होगा ।
डॉ. महंत विधानसभा में इस सत्र से शुरू हुई सवाल-जवाब की ऑनलाइन प्रणाली के बारे में बात कर रहे थे । उन्होंने बताया की लेस पेपर प्रणाली के प्रभाव पर उन्होंने IIT खड़गपुर के पर्यावरण विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग से एक अध्ययन कराया है । उसकी प्रारंभिक रिपोर्ट आ गई है। इसके मुताबिक पिछले आठ सालों में विधायकों ने 36 हजार 650 सवाल लगाए हैं । औसतन हर साल 4 हजार 550 सवाल पूछे गए हैं ।
प्रश्न पूछने से उसका उत्तर आने के प्रत्येक चरण में करीब 100 पेज का उपयोग संभावित है । सालाना चार लाख 55 हजार पेज खर्च होते हैं ।अगर यह खर्च रुकता है तो करीब 2.2 टन कागज की बचत होगी । इसकी वजह से हर साल 9.68 टन लकड़ी या 58 पेड़ कटने से बच जाएंगे । कागज बनाने की प्रक्रिया में लगने वाले एक लाख लीटर पानी की बचत होगी । इतनी बिजली बच जाएगी जितनी 73 घरेलू रेफ्रीजरेटर को एक साल तक चलाने के लिए काफी है ।
IIT के अध्ययन में बताया गया है कि इस पूरी प्रक्रिया से हर साल 9.9 टन कॉर्बनडाइ ऑक्साइड के उत्सर्जन में कमी आएगी । दूसरे पर्यावरणीय प्रभावों की भी बारीक जानकारी इस अध्ययन में दी गई है । विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, पहली बार ही 90% सवाल ऑनलाइन ही मिले हैं ।
जाने, क्या है यह सवाल-जवाब की ऑनलाइन प्रणाली :
विधानसभा सत्र की अधिसूचना जारी होने के बाद विधायक, विधानसभा के जरिए विभागों से लिखित सवाल पूछते हैं । इसके लिए एक तय प्रारूप में सवाल लिखकर देने होते हैं । विधानसभा इन प्रश्नों को छांटकर संबंधित विभाग को जवाब के लिए भेजती है । वहां से जवाब आने के बाद इनको छापा जाता है । इस साल से यह प्रक्रिया बदल दी गई है । विधायकों से ऑनलाइन सवाल मंगाए गए । सवाल छांटने के बाद विधानसभा ने ऑनलाइन ही उसे विभागों को भेज दिया । विभाग ने ऑनलाइन ही उसका जवाब भेज दिया ।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने बताया कि सत्र की शुरुआत राज्यपाल के अभिभाषण से होगा । उसके बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल साल 2021-22 का तीसरा अनुपूरक बजट रखेंगे । इस अनुपूरक बजट पर चर्चा और पारण 8 मार्च को होगा । 8 मार्च को ही राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा प्रस्तावित है ।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. महंत ने बताया कि इस बार विधायकों ने एक हजार 682 सवाल पूछे हैं । इनमें से 854 को तारांकित श्रेणी में रखा गया है । 828 सवाल अतारांकित श्रेणी में डाले गए हैं । अब तक ध्यानाकर्षण की 114 सूचनाएं मिल चुकी हैं । 10 प्रस्ताव काम रोककर तुरंत चर्चा की मांग के हैं । वहीं अविलंबनीय लोक महत्व के विषय पर चर्चा की मांग वाली चार सूचनाएं भी विधानसभा सचिवालय पहुंची हैं । विधायकों ने 7 अशासकीय संकल्प की सूचना भी भेजी है ।
बजट सत्र छोटा रखने पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. महंत ने कहा, अधिकतर विधायकों की ड्यूटी विधानसभा चुनावों में लगी थी । इसी वजह से सत्र को छोटा रखा गया है । इससे पहले उन्होंने कहा था, पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं । वहां विधायकों की व्यस्तता की वजह से सत्र फरवरी से शुरू होने की जगह मार्च में होगा ।