केंद्र सरकार ने BSNL और MTNL के विलयन को दी मंजूरी, कर्मचारियों के लिए VRS का ऑफर
नई दिल्ली : सरकारी टेलिकॉम भारत संचार नगर निगम लिमिटेड (BSNL) और महानगर टेलिफोन निगम लिमिटेड (MTNL) को लेकर चल रही आशंकाओं को दूर करते हुए सरकार ने दोनों कंपनियों के मर्जर का ऐलान किया है ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट ने इस पर मुहर लगा दी है । इसके अलावा कर्मचारियों के लिए वीआरएस स्कीम की भी घोषणा कर दी गई है । सरकार ने घाटे में चल रही सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियों के लिए 68,751 करोड़ रुपये के रिवाइवल पैकेज को मंजूरी दी है ।
कैबिनेट बैठक के बाद दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार ना तो BSNL, MTNL को बंद करने जा रही है और ना ही विनिवेश किया जाएगा । कंपनियों को पटरी पर लाने के लिए 29,937 करोड़ रुपये का निवेश करेगी । योजना के तहत 15,000 करोड़ रुपये के सरकारी बॉन्ड जारी किए जाएंगे। 38,000 करोड़ रुपये की संपत्ति का मौद्रीकरण किया जाएगा । इसके अलावा कर्मचारियों के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना लाई जाएगी ।
रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘BSNL और MTNL को लेकर सरकार की सोच साफ है कि यह कंपनियां नीतिगत रूप से महत्वपूर्ण संपत्तियां हैं । नेपाल में भूंकप हो या कश्मीर बाढ़, सबसे अधिक सहयोगात्मक रवैया BSNL का ही होता है । हमारी आर्मी और बैंकों का नेटवर्क भी BSNL के जिम्मे है । BSNL और MTNL को ना तो सरकार बेच रही है और ना ही हिस्सा घटा रही है । हम इसमें व्यावसायिकता लाने जा रहे हैं ।’ रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कंपनी को 4जी स्पेक्ट्रम दिया जाएगा । अगले चार साल में 38 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति का मौद्रीकरण करने का भी फैसला किया गया है ।
वीआरएस की घोषणा :
केंद्रीय मंत्री ने कहा, हम लुभावना वीआरएस पैकेज लेकर आ रहे हैं । कर्मचारी संगठनों ने भी इसकी सराहना की है । अगर किसी कर्मचारी की उम्र 53 साल है तो 60 साल तक उसे 125 पर्सेंट वेतन मिलेगा । वीआरएस का मतलब है स्वेच्छा से नाकि बलपूर्वक । अन्य टेलिकॉम कंपनियां का खर्चा मानव संसाधन पर केवल 5 पर्सेंट है, लेकिन इन दोनों कंपनियों का 70 पर्सेंट है ।
मर्जर तक सब्सिडियरी के रूप में काम :
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि BSNL और MTNL का मर्जर होने में कुछ समय लगेगा। तब तक MTNL BSNL की सब्सिडियरी के रूप में काम करेगी । इससे 2 साल बाद बीएसएनएल को मुनाफे में लाया जा सकेगा ।