15 मरीज रायपुर एम्स में भर्ती किए गए हैं, इस खबर की पुष्टि स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कर दी है । बताया जा रहा है कि कोरोना की अनियंत्रित दवाओं की वजह से ब्लैक फंगस मरीजों को हो रहा है ।
प्रारंभिक जांच में जानकारी मिली है कि रायपुर एम्स में भर्ती 15 ब्लैक फंगल के मरीजों में 8 मरीजों की आंखों में फंगल इंफेक्शन है, जबकि बाकी मरीजों के अन्य पार्टों में संक्रमण है ।
खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने इस बीमारी के लिए जरूरी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के इंतज़ाम शुरू कर दिया है । नाक, कान, गला रोग विशेषज्ञ डॉ. राकेश गुप्ता ने बताया कि उन्होंने खुद ऐसे चार मरीज देखे हैं जिनका इलाज चल रहा है।
यह संक्रमण नाक, आंख और मुंह के ऊपरी जबड़े में देखा गया है । डॉ. गुप्ता ने बताया, रायपुर एम्स और सेक्टर-9 अस्पताल भिलाई में भी ब्लैक फंगस से संक्रमित मरीज पहुंचे हैं । उनके लिए दवाएं उपलब्ध कराई गई हैं । उन्होंने बताया कि इसके इलाज में पोसाकोनाजोल और एम्फोटेरेसीन-बी इंजेक्शन की जरूरत पड़ती है ।
हमारे यहां यह बीमारी रेयर है। ऐसे में इस तरह की दवाएं कम ही उपलब्ध है । रायपुर में एक स्टाकिस्ट के यहां इंजेक्शन के 700 वायल इसी बीच खत्म हो गए हैं । स्टाकिस्ट अब दवा निर्माताओं से इसकी मांग भेज रहे हैं ।