नई दिल्ली, 12 सितंबर 2020, 18.55 hrs : आल इंडिया काँग्रेस कमिटी में लंबे समय तक छत्तीसगढ़ क्षेत्र से प्रतिनिधित्व रहा है । पिछले कुछ दिनों से संगठन में चल रहे विवाद के बाद कांग्रेस पार्टी संगठन में बड़ा फेरबदल हुआ ।
इस व्यापक फेरबदल में प्रदेश के वयोवृद्ध नेता मोतीलाल वोरा को भी, उनकी उम्र के कारण अन्य नेता गुलाब नबी आजाद, अंबिका सोनी और मल्लिकार्जुन खडग़े के साथ महासचिव पद से मुक्त कर दिया गया है ।
छत्तीसगढ़ के नेताओं की, काँग्रेस के केंद्रीय संगठन में हमेशा बड़ी मौजूदगी रहती आई है । किंतु इस फेरबदल में छत्तीसगढ़ के नेताओं का ना होना, दर्शाता है कि यह छत्तीसगढ़ भूमि अब दमदार, दबंग नेता विहीन हो गई है ।
एक समय था जब छत्तीसगढ़ क्षेत्र से शुक्ल बन्धुओं के अलावा अजित जोगी जैसे नेताओं का डंका बजता था । पर कल हुए फेरबदल में छत्तीसगढ़ की उर्वरा राजनीतिक दल से किसी नेता को संगठन में नहीं लेने से पार्टी नेताओं के साथ साथ विपक्ष को भी मौका मिल गया है सवाल करने का । वैसे, संवैधानिक तौर पर CM और पीसीसी चीफ AICC के सदस्य रहते हैं । सिर्फ़ इसी से ख़ुश हैं काँग्रेस… किन्तु दिल्ली तक, छत्तीसगढ़ के मुद्दों को, समस्याओं को पहुंचाने अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराने वाले नेता AICC में इसबार नहीं है ।
अगस्त को हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक :
राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को संगठनात्मक बदलाव के लिए पत्र लिखने वाले 23 नेताओं में शामिल आजाद को महासचिव पद से हटा कर सीडब्ल्यूसी में एडजस्ट किया गया है । पत्र विवाद की पृष्भूमि में 24 अगस्त को हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक में बनी सहमति के मुताबिक छह सदस्यीय एक विशेष समिति का गठन किया है ।
पार्टी की विशेष समिति में इनको मिला मौका :
यह विशेष समिति, पार्टी के संगठन एवं कामकाज से जुड़े मामलों में सोनिया गांधी का सहयोग करेगी । इस विशेष समिति में एके एंटनी, अहमद पटेल, अंबिका सोनी, केसी वेणुगोपाल, मुकुल वासनिक और रणदीप सिंह सुरजेवाला शामिल हैं । सुरजेवाला और तारिक अनवर को पार्टी के नए महासचिव नियुक्त किया गया है । सोनिया गांधी ने पार्टी मामलों में अपनी मदद के लिए विशेष समिति गठित की जिसमें ए के एंटनी, अहमद पटेल और अंबिका सोनी शामिल हैं ।