नई दिल्ली, 18 अक्टूबर 2020, 09.50 hrs : हैदराबाद के IIT के प्रोफेसर एम. विद्यासागर की अध्यक्षता में बनी विशेषज्ञ समिति ने रविवार को अपने अध्ययन के नतीजों पर राहत भरी जानकारी दी है ।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रोफेसर विद्यासागर और आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मनींद्र अग्रवाल ने बताया है कि फरवरी 21 तक लक्षणों वाले संक्रमितों की संख्या 106 लाख होगी जो अभी 66 लाख के करीब है ।
उन्होंने कहा है कि फरवरी तक महामारी पर काबू होने की भी उम्मीद है । लेकिन यह तभी संभव होगा जब लोग कोरोना से बचाव के नियमों का पूरी तरह से पालन करना जारी रखें ।
अध्ययन में कहा गया है कि अब तक देश में 30 फीसदी आबादी कोरोना से संक्रमित हो चुकी है । आईसीएमआर के सीरो सर्वे में यह आंकड़ा सात फीसदी था । लेकिन नये अध्ययन के अनुसार अगस्त अंत तक ही 14 फीसदी संक्रमित हो चुके थे ।
रिपोर्ट में बताया गया है कि यदि लॉकडाउन नहीं किया जाता तो जून में 1.40 करोड़ सक्रिय लक्षणों वाले मामलों के साथ पीक आती और अगस्त तक 26 लाख से ज्यादा मौतें हो सकती थी ।
फरवरी 21 तक 2.04 करोड़ संक्रमित होते । यदि एक अप्रैल से एक मई के बीच ही लाकडाउन होता तो जून तक 40-50 लाख सक्रिय मामलों के साथ पीक आती । अगस्त आखिर तक 7-10 लाख मौतें हो सकती थी । फरवरी 21 तक 1.50-1.70 करोड़ लक्षणों वाले मरीज हो जाते । रिपोर्ट के अनुसार जो लाकडाउन लगाया गया उससे सितंबर में 10 लाख सक्रिय मरीजों के साथ संक्रमण पीक पर पहुंचे ।
सितंबर में एक लाख मौतें पहुंची और फरवरी 21 तक 1.06 करोड़ लोग लक्षणों के साथ संक्रमित होंगे ।
अध्ययन के अनुसार प्रवासी श्रमिकों की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना के फैलाव की आशंकाएं निर्मूल साबित हुई है । उत्तर प्रदेश और बिहार में इसे लेकर विशेष रूप से अध्ययन किया गया क्योंकि इन राज्यों में सबसे ज्यादा प्रवासी मजदूर लौटे हैं । इसकी वजह गांवों में पहुंचने से पूर्व उन्हें क्वारंटीन करना रहा । यदि लाकडाउन से पहले प्रवासी मजदूरों को गांव जाने दिया गया होता तब संक्रमण बढ़ सकता था ।
रिपोर्ट में कहा गया है कि त्योहारों एवं संर्दियों के चलते संक्रमण बढ़ सकता है । केरल में हालिया संक्रमण के बढ़ने की वजह ओणम पर्व को माना गया है । यदि रोकथाम के उपाय ढीले किए गए तो एक महीने में 26 लाख संक्रमण बढ़ सकते हैं ।
दरअसल देश के शीर्ष वैज्ञानिक संस्थानों के आकलन में दावा किया गया है कि फरवरी 2021 तक कोरोना महामारी नियंत्रण में आ जाएगी । तब तक देश में कोरोना के लक्षणों वाले मरीजों की संख्या एक करोड़ छह लाख तक पहुंच सकती है । लेकिन तब रोज आने वाले नए संक्रमणों की संख्या कुछ हजारों में रह जाएगी जिसका प्रबंधन आसानी से किया जा सकेगा ।