रायपुर : अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉ. दिनेश मिश्र ने बनारस विश्वविद्यालय में भूत विद्या का कोर्स शुरू करने के साथ पर मानसिक चिकित्सालय एवं अनुसंधान केंद्र खोले जाने की आवश्यकता बताई है तथा अंधविश्वास निर्मूलन और वैज्ञानिक जागरूकता कको पाठ्यक्रम तथा कोर्स में शामिल की जाने की मांग की है । उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिख कर भूत विद्या कोर्स को अनुमति न देने की मांग की है ।
डॉ. मिश्र ने कहा भूत प्रेत जैसी मान्यताओं का कोई अस्तित्व नहीं होता, भूत प्रेत का उपचार करने के नाम पर देश भर में अनेक बैगा, तथाकथित तांत्रिक मनोरोगियों की झाड़,फूंक करके ठीक करने के नाम पर न केवल ठगी करते है, उनका शारिरिक मानसिक शोषण करते है, प्रताड़ित करते है, और कई मामलों में मरीज के भूत उतारने के नाम पर जान भी ले ली जाती है । देश भर में ऐसे हजारों केंद्र अवैध रूप से चल रहे हैं जिन्हें तत्काल बन्द किये जाने की आवश्यकता है ।
डॉ. मिश्र ने कहा कि चिकित्सा विज्ञान की पढ़ाई में मनोरोग चिकित्सा भी मेडिसिन विषय में सम्मिलित होती है, और एम डी मनोचिकित्सा में तो यह मनोरोग विशेषज्ञ बनाने के लिये होता है, जिसकी सीटें व मनोचिकित्सालयों की संख्या बढ़ाये जाने की आवश्यकता है । वे पिछले अनेक वर्षों से अंधविश्वास निर्मूलन एवं वैज्ञानिक जागरूकता को पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग कर रहे है, जिस पर सरकार को विचार कर के निर्णय लेना चाहिए ।
डॉ. मिश्र ने कहा वे केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिख कर भूत विद्या के नाम से कोर्स को आरंभ न किये जाने की मांग कर रहे हैं, बनारस विश्वविद्यालय को भी भूत विद्या का कोर्स खोलने के निर्णय पर पुर्नविचार करना चाहिए और यदि वें मनोरोग के सम्बंध में बीमारियों के कारण, चिकित्सा, उपचार, अनुसंधान पर वास्तव में गम्भीरता पूर्वक कार्य करना चाहते हैं तो विश्वविद्यालय मे विश्व विख्यात मनोचिकित्सकों को शामिल कर एक उच्च स्तर का अनुसंधान केंद्र स्थापित करें ताकि वास्तव में भूत प्रेत के नाम से प्रताड़ित हो रहे हजारों मनोरोगियों को न केवल सही उपचार मिल सके बल्कि उन्हें प्रताड़ना एवं लूट से बचाया जा सके ।