उनके साथ ही लोजपा के वरिष्ठ नेता काली पांडे भी कांग्रेस में शामिल हुए हैं । माना जा रहा है कि सुभाषिनी बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव भी लड़ सकती है ।
ज्ञात हो कि बिहार में कांग्रेस पार्टी का राजद के साथ है गठबंधन ।
सुभाषिनी और काली पांडे ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं पवन खेड़ा, देवेंद्र यादव और अजय कपूर की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ली । इस मौके पर कांग्रेस प्रवक्ता खेड़ा ने कहा, ‘‘हमें गर्व है कि सुभाषिनी यादव कांग्रेस में शामिल हुई हैं. उनके पिता का भारत के संसदीय लोकतंत्र में बहुत बड़ा योगदान है ।”
गौरतलब है कि शरद यादव अपनी पार्टी गठित करने से पहले जनता दल यूनाइटेड में थे और उन्होंने पार्टी का अध्यक्ष रहने के साथ कई वर्षों तक NDA के संयोजक की भूमिका भी निभाई । वर्ष 2017 में पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कारण शरद यादव को JDU से निकाल दिया गया था ।
इसके बाद उन्होंने लोकतांत्रिक जनता दल का गठन किया । साल 2019 के लोकसभा चुनाव में वह महागठबंधन का हिस्सा थे और इसी के बैनर तले मधेपुरा से चुनाव भी लड़ा था लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा ।