कोंडागांव, 07 अक्टूबर 2020, 20.20 hrs : छत्तीसगढ़ के बलरामपुर के बाद अब एक और मामला, केशकाल विधानसभा के धनोरा थाना क्षेत्र का सामने आया है जिसमें एक और युवती के साथ 7 लोगो के द्वारा सामुहिक दुष्कर्म किया था ।
युवती की आत्महत्या के 2 महीनों बाद युवती के पिता ने भी आत्महत्या का प्रयास किया तब जा कर युवती के साथ हुए दुष्कर्म का प्रकरण सामने आया है ।
हैरानी की बात है कि आज तक न तो सामुहिक दुष्कर्म का, थाने में केस दर्ज हुआ है न ही आत्महत्या के प्रकरण की गुत्थी सुलझी है । इस आदिवासी युवती की मौत के लगभग 2 माह के बाद, 4 अक्टूबर को पीड़िता के पिता ने भी जहर खाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया था । ये दोनों घटना बहुत ही रहस्यमयी है । वही दोनों ही प्रकरणों में किसी प्रकार की कानूनी कार्रवाई न होना भी जनचर्चा का विषय बना हुआ है ।
सहेली ने बताई आपबीती तब हुआ खुलासा : पीड़ित लड़की के परिवार से मिलने पर लड़की के सहेली ने उस रात की घटना पर बताया कि 2 माह पहले मैं और मेरे सहेली शादी में शामिल होने के लिए ग्राम कनागांव गए थे । जहां रात के वक्त हम सब शादी में नाच रहे थे । इस बीच, कनागांव व फुंडेर गांव के 7 युवक, जबरदस्ती पीड़िता को शादी वाले घर से उठाकर जंगल की ओर लेकर चले गए ।
वहाँ युवकों ने युवती के साथ सामुहिक अनाचार की घिनौनी घटना को अंजाम दिया । देर रात युवती फिर शादी घर में पहुची और मुझे घटना के बार मे पूरी जानकारी दी । उस वक्त पीड़िता के शरीर से काफी खून निकल रहा था । युवक शराब के नशे में थे तथा घटना को अंजाम देने से पहले जब ये युवक पीड़ित युवती को जबरन ले जा रहे थे तब मैं भी मौजूद थी । कुछ युवकों ने मुझे भी घेर लिया था लेकिन मै किसी तरह उनके चंगुल से निकल कर भाग गई थी ।
पीड़ित युवती की सहेली ने बताया कि आरोपी युवकों ने धमकी देते हुए हमें कहा था कि यदि घटना की जानकारी घरवालों को दिया तो दोनों को जान से मार डालेंगें । इसलिए डर के कारण हम चुप रहे तथा घर मे किसी को कुछ नही बताया । किंतु घटना के बाद यह बात पूरे शादी घर में फैल गई थी ।
मृतक युवती के चाचा ने बताया कि युवती की आत्महत्या के दिन, दोपहर लगभग 2 बजे बच्चों ने खेत आ कर बताया कि दीदी ने फांसी लगा लिया है । तुरन्त हम लोग घर पहुंचे तथा युवती को नीचे उतारा तब तक वह जीवित थी, तथा उसे अस्पताल ले जाने के लिए गाड़ी की व्यवस्था कर रहे थे, उससे पहले ही उसने प्राण त्याग दिया ।
चूंकि युवती के माता-पिता गांव से बाहर थे इसलिए, उनके आने पर,0 अगले दिन सुबह 11 बजे सबकी उपस्थिति में शव को दफनाया गया ।
पीड़ित परिवार के सदस्य ने बताया कि उक्त घटना के कुछ दिन बाद धनोरा थाना के तत्कालीन थाना प्रभारी ने हमें थाना बुलाया था और कहा था कि उन्हें अनाचार व आत्महत्या दोनों घटना की जानकारी मिल गयी है तथा वह एफआईआर दर्ज कर रहे हैं । हमें कानूनी कार्रवाई हेतु तैयार रहने व गवाही देने को कहा गया था जिससे हमे कोई आपत्ति नही थी । लेकिन आज तक उक्त घटना में संलिप्त आरोपियों पर किसी प्रकार की कार्रवाई नही हुई है तथा सभी आरोपी स्वतंत्र होकर घूम रहे हैं । युवती के साथ हुए अनाचार व उसकी आत्महत्या का मामला पूरी तरह से रफा दफा कर दिया गया ।
पीड़ित लड़की के पिता द्वारा बिना कारण बताए, आत्महत्या के प्रयास से, परिजनों को संदेह हुआ । इसका कारण जानने पर इसकी कड़ी पुत्री द्वारा की गई आत्महत्या से जुड़ती हुई मिली, तब कहीं तमाम रहस्यों से पर्दा उठा ।
आदिवासी परिवार की पुत्री की मौत तथा उसके बाद पिता के द्वारा आत्महत्या करने का प्रयास करने का कई रहस्यों का पता चला है । मृत युवती के चाचा और उसकी सहेली घटना की पूरी जानकारी देते हुए सरकार से गुहार लगाया है कि जल्द से जल्द इस घटना पर कार्रवाई कर इसमे संलिप्त दोषियों को सजा दिलाते हुए इंसाफ दिलाया जाए ।
सवाल उठता है कि इतनी बड़ी घटना की रिपोर्ट धनोरा पुलिस ने क्यों नहीं दर्ज की ? जब आरोपीयों को थाने में पकड़ कर लाया गया था तब कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
इस बीच अनुविभागीय अधिकारी पुलिस अमित पटेल ने बताया कि मामले को संज्ञान में लिया गया है तथा तसदीक हेतु ग्राम ओड़ागांव के लिए वो रवाना हो रहे हैं । जांच के पश्चात ही आगे की कार्रवाई की जाएगी…।