रायपुर, 28 सितंबर 2020, 10.20 hrs : कोरोना संक्रमण के बढ़ते ख़ौफ़ के चलते राजधानी रायपुर में 22 सितंबर से लगे लॉक डाउन से हमे आज, 7 दिनों बाद मिलेगी मुक्ति । इसके अलावा अन्य जिलों में भी एक-दो दिनों में अनलॉक हो जाएगा । किस तरह का अनलॉक हो इस पर शासन-प्रशासन आज मंथन करेगा ।
मार्च 2020 से बार-बार लग रहे लॉक डाउन से सभी वर्ग पीड़ित है । जीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है । आर्थिक मार ने कमर तोड़ दी है । करोड़ों लोगों की नौकरियां छूट गई हैं । हमारे अपने, लाखों लोग मौत के मुँह में समा चुके हैं । मानसिक और शारीरिक तौर पर हम अस्वस्थ हो रहे हैं ।
अब स्थिति यह है कि हम और लॉक डाउन बर्दाश्त नही कर पाएंगे । लोगों को इस भयानक विपदा से उबरने का एक मौका है । सामने आने वाले कुछ माह में अनेक तीज-त्यौहार और बड़े आयोजन से इस संकट से कुछ हद तक उबरा जा सकता हैं । पिछले 6/7 माह के नुकसान की भरपाई ये तीज-त्यौहार के व्यवसाय से हो सकते हैं । ऐसे कठिन समय मे यदि किसी की नौकरी छूट गई है तो बिना हिचक, जो भी काम मिले उसे पकड़ लीजिये । धीरे धीरे ज़िन्दगी पटरी पर आ ही जाएगी ।
कल अनलॉक होने पर सबसे पहले क्या करना है :
अबतक सब समझ चुके हैं कि यह कोरोना वायरस किसी को छोड़ता नहीं । इससे हमें खुद बचना होगा । सरकार मजबूरी में, आपके बचाव के लिए ही लॉक डाउन कर रही हैं । हमे भी उनका साथ देना है ।
भीड़ से बचना ही सबसे बड़ा उपाय है :
अनलॉक होते ही बाज़ारों में भीड़ उमड़ पड़ती है । इस भीड़ से बचेंगे तो कोरोना से भी हम बचेंगें । अब लॉक डाउन के आगे बढ़ने की संभावना बिलकुल भी नहीं है । फ़िर बाज़ार में मारा-मारी क्यों ? वैसे भी इन 8 दिनों के लॉक डाउन के लिए अपने 15/20 दिनों के सामानों का जुगाड़ तो कर ही लिया है । तो अब धीरे धीरे, बहुत ज़रूरी होने पर ही घर से बाहर निकलें । या कुछ दिन अभाव में जीने की आदत डालें । भीड़ में कोरोना, आप पर भी हमला तो करेगा ही ।
इसके अलावा हाथों की सफ़ाई, मास्क पहनना, 2/3ब बार गर्म पानी पीना, एक बार स्टीम लेना ये सभी बहुत ज़रूरी है ।
सरकार को अनलॉक के नियम कड़ाई से बनाने होंगे :
अनलॉक कैसा हो यह सबसे बड़ा प्रश्न है ? जिस तरह लॉक डाउन में कड़ाई की गई उसी तरह अनलॉक का भी कड़ाई से पालन हो । सुबह 6 या 7 बजे से, व्यवसाय के अनुसार दुकाने खुलें । पर बंद शाम 6/7 बजे तक हो यह ज़रूरी है । यह 12 घण्टे, व्यवसाय के लिए उपयुक्त हैं । शाम में लोग ज़्यादातर, सिर्फ़ घूमने, सैर करने ही निकलते हैं । कुछ चीज़ो की होम डिलीवरी की सुविधा बेहतर उपाय होगा ।
अभी कम से कम साल-दो-साल हमें इस कोरोना वायरस के साथ ही जीना है । आदत डाल लिजिये । खुद भी बचिये और अपने परिवार को भी बचाइये । वर्ना… अब के बिछड़े, तो फ़िर…
इसे अपने सभी परिचितों को शेयर ज़रूर करें, ताकि वो भी बचें…