नई दिल्ली, 27 सितंबर 2020, 19.15 hrs : कृषि सुधार संबंधी बिल पर राष्ट्रपति ने मुहर लगा कर दी मंज़ूरी । दोनों सदनों में पारित हो चुके कृषि सुधार अध्यादेश को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा गया था जिसे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी दे दी है ।
विपक्ष के घोर विरोध के बाद भी लोकसभा और राज्यसभा, दोनों सदनों में पारित इस बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद अब कृषि क्षेत्र में यह नया कानून बन गया है । इसके बिल के अनुसार, देश के किसान सारे देश में कहीं भी किसी को भी अपनी उपज बेच सकते हैं । एक देश एक बाजार के सिद्धांत पर आधारित इस सुधार का विपक्ष इस तर्क के साथ विरोध कर रहा था कि इससे किसान का अहित होगा । उधर, केंद्र सरकार की सोच है कि इस व्यवस्था से किसान को बिचौलियों से छुटकारा मिलेगा ।
इस बिल से किसानों को उनकी उपज का वाजिब दाम मिल सकेगा और उनकी शोषण से मुक्ति होगी । सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था जारी रखते हुए यह सुधार किया है कि किसान, देश मे, जहां चाहे वहां, अपनी उपज का सौदा कर सकता है ।
केंद्र सरकार का मानना है कि बिचौलियों के कारण अब तक देश में किसानों का शोषण होता आया है और उनकी आय बढ़ाने में यह नई व्यवस्था कारगर साबित होगी । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आज अपने प्रसारण कार्यक्रम मन की बात में इस बात पर जोर दिया कि कृषि सुधार के इस उपाय से किसानों को अधिक फायदा होगा । विपक्षी दलों के देशव्यापी विरोध के बावजूद आज राष्ट्रपति की मंजूरी के साथ ही इस बिल ने कानून की शक्ल ले ली ।